क्या जी-स्पॉट सचमुच में होता है? जी-स्पॉट क्या होता है क्या होता है और इसे कैसे खोजते हैं | What is the G-Spot and how to find it? सुना है कि ‘जी-स्पॉट’ के जरिए ज्यादा उत्तेजना आ सकती है। क्या यह सच है? और क्या G-Spot हर महिला के लिए अलग है? ये भी सुना है कि जी-स्पॉट को डिजिटल रूप से पेनिट्रेट करना किसी महिला को ऑर्गेज्म (संभोग सुख) तक पहुंचाने के लिए काफी है।
ऐसी न जाने कितनी गलतफहमियां और धारणाएं हैं जो लोगों के दिलों दिमाग में बसी हैं। जी-स्पॉट को लेकर आज तक विशेषज्ञों के बीच बड़े मतभेद बने हुए हैं। कइयों का मानना है की महिलाओं के शरीर में ‘जी-स्पॉट’ कोई जगह नहीं होती, तो वहीं कुछ का कहना है कि महिलाओं में क्लाइटोरिस से ज्यादा ‘जी-स्पॉट’ सेक्स के मजे को बढ़ा सकता है।
पर इनमे से किस तथ्य को माने किसे नहीं, ये आज भी एक बड़ा सवाल है। तो हम जानेंगे औरतों के शरीर के उस अंग के बारे में जिसका नाम लेते हुए हमें बहुत शर्म आती है। तो चलिए जानते है की आखिर क्या है ये जी स्पॉट(G Spot), क्लिटोरिस (Clitoris) और ऑर्गास्म (Orgasm) की कहानी।
क्लिटोरिस क्या होता है | What is Clitoris
आमतौर पर ऐसी मान्यता रही है कि सेक्स के दौरान महिलाओं को चरम सुख यानी ऑर्गास्म तक पहुंचने में जी-स्पॉट मुख्य भूमिका निभाता है, लेकिन हाल ही में एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि ऑर्गेज्म के पीछे क्लिटॉरिस सबसे प्रमुख कारक है ना की जी-स्पॉट।
जब क्लिटोरिस उत्तेजित (Irect) होता है तो ये अपने आकर से तीन गुना तक ज्यादा बड़ा हो सकता है। क्लिटोरिस के कारण ही महिलाओं को सेक्स में मजा आता है। आप इसे बाहर से भी छू सकते है और योनि के अंदर से भी। क्लिटोरिस को ‘फीमेल पेनिस’ के नाम से भी जाना जाता है।
हमारे स्कूल की किताबो में शरीर के अंगों के बारे में तो बताया जाता है पर इसमें क्लिटोरिस का कही भी जिक्र नहीं होता और अगर गलती से इसके बारे में बताया भी गया तो ऐसा लिखा होता है जिससे आपकी नज़र भी वहां तक ना पहुंचे। इस आधी अधूरी जानकारी का क्या फायदा। तो चलिए आगे आपको बताते है की क्लिटोरिस आखिर है क्या?
क्लिटोरिस बाहर से एक मटर के दाने जैसा दीखता है लेकिन अंदर से ये लगभग 10 सेमी तक लम्बा होता है। क्लिटोरिस ना केवल पुरुषों के लिंग जैसा दीखता है बल्कि इसका काम भी वही है जो पुरुषों के लिंग का होता है। इसका निर्माण भी उन्हीं चीजों से होता है, जिससे पुरुषों के लिंग का होता है।
इनका सिर्फ आकर ही नहीं बल्कि इसके हिस्से भी एक जैसे ही है। पुरुषों की तरह महिलाएं भी वीर्यपात (Ijaculate) करती है। और ठीक पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी योनि में बिना नर लिंग के प्रवेश (Penetration) के ओर्गास्म तक पहुंच सकती है। क्यूंकि ओर्गास्म क्लिटोरिस से होता है, योनि (Vagina) से नहीं।
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जी स्पॉट क्या होता है| What is G Spot in Hindi
जी स्पॉट क्या होता है : अब जब बात औरतों के ओर्गास्म की हो रही है तो चलिए जी स्पॉट के बारे में भी बात कर ही लेते है, जिसे लोग ज़माने से ढूंढ रहे है लेकिन अभी तक कोई भी इसे ढूंढ नहीं पाया है। जी स्पॉट (G Spot) गूगल पर सबसे ज्यादा ढूंढे (Search) जाने वाले शब्दों में से एक है और इतना ढूंढने के बाद भी किसी को भी ये मिल ही नहीं रहा। तो चलिए आज हम आपको ये भी बता ही देते है की आखिर ये जी स्पॉट है क्या और कहाँ है?
दोस्तों असल में जी स्पॉट कुछ होता ही नहीं है, इसलिए तो आपको मिल नहीं रहा है। ऐसा कहा जाता है की जी स्पॉट कही पीछे छिपा हुआ है और डीप पेनिट्रेशन से आप वहां तक पहुंच जायेंगे। आप सब इस तरीके की उल जलूल बातों पर भरोसा करना बंद कर दीजिये क्यूंकि जी स्पॉट जैसा कुछ है ही नहीं। कभी आपने सोचा है की जी स्पॉट में ये जी आखिर है क्या?
दरअसल 80 के दशक में जर्मन स्त्री रोग विशेषज्ञ अर्नस्ट ग्रैफेनबर्ग ने महिलाओं के शरीर के अंदर एक जोन की खोज की और अपने नाम पर इसका नाम रख दिया ग्रैफेनबर्ग जोन। लोगों ने इस ग्रैफेनबर्ग जोन को छोटा करके इसको नाम दे दिया जी जोन (G Zone)। इस जोन के अंदर उन्होंने बात की ऐसे स्पॉट की जिसे उत्तेजित (Stimulate) किया जाये तो औरत को ओर्गास्म हो सकता है। ग्रैफेनबर्ग ने अपने नाम पर ही उस स्पॉट का नाम भी रखा “ग्रैफेनबर्ग स्पॉट” यानि जी स्पॉट (G Spot)।
अर्नस्ट ग्रैफेनबर्ग ने थ्योरी तो दे दी लेकिन वो उसे ठीक से साबित नहीं कर पाए। इसके बाद तीन दशक तक स्त्री रोग विशेषज्ञों (Gynecologists) के लिए ये थ्योरी एक पहेली बन कर रह गई थी की आखिर ग्रैफेनबर्ग किस स्पॉट के बारे में बात करके गए है। अंततः जब इसके बारे में कोई भी निष्कर्ष नहीं निकला तो आखिर कार इस थ्योरी को रद्द कर दिया गया।
इसलिए आप सब अब जी स्पॉट (G Spot) को ढूंढना बंद कर दीजिये क्यूंकि जी स्पॉट जैसा कुछ है ही नहीं तो आपको मिलेगा कहाँ।
अब बात जहाँ तक सेक्स की है तो प्रकृति ने औरतों और पुरुषों को एक सामान ही बनाया है। करीब 400 दशक पहले से ऐसा माना जाता आया है की अगर पुरुष और महिला एक साथ ओर्गास्म करते है तभी कोई महिला गर्भवती हो सकती है, जबकि ऐसा नहीं है, ये बात पूरी तरह सच नहीं है।
मैंने अपने ओवुलेशन वाले लेख में बताया था की गर्भधारण करने के लिए जरुरी नहीं है की महिला भी ओर्गास्म करे इसके लिए सिर्फ पुरुष का वीर्य ही काफी है। लेकिन अगर महिला और पुरुष दोनों एक साथ ओर्गास्म करते है तो गर्भधारण करने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है। इसका कारण ये है की जब महिला और पुरुष दोनों को एक साथ ओर्गास्म होता है तो महिला की योनि में संकुचन होने लगता है जिसे शुक्राणुओं को अंदर जाने में काफी आसानी हो जाती है।
अगर कोई महिला गर्भवती ना भी होना चाहे तो भी ओर्गास्म के काफी सारे फायदे है। अगर एक महिला नियमित रूप से ओर्गास्म करती है तो इससे उसकी सेहत काफी अच्छी रहती है। नियमित ओर्गास्म से महिला को नींद बहुत अच्छी आती है। जब ओर्गास्म होता है तो दिल की धड़कन काफी तेज़ हो जाती है ये आपके दिल के लिए भी काफी अच्छा है। नियमित ओर्गास्म से आपको तनाव व थकान भी काम होता है और आपकी त्वचा भी काफी अच्छी होती है।
अपने ही शरीर को समझने के लिए हम इधर उधर भटकते रहते है पर जवाब हमे फिर भी नहीं मिलता। युवावस्था तक पहुंचे के बाद हर लड़की को साल में कम से कम एक बार स्त्री रोज विशेषज्ञ के पास अपने सवाल ले कर जाना चाहिए क्यूंकि अपने शरीर को जानने, स्वस्थ रखने और संतुष्टि पाने का हक एक औरत को भी है।
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महिलाओं में यौनइक्छा से संतुष्टि पाना थोड़ा मुश्किल माना जाता है। लेकिन अगर महिला को अपने शरीर के उन केंद्रों के बारे में पता हो जिनसे उन्हें सबसे अधिक आनंद मिलता है तो सम्भोग क्रिया का पूरा आनंद लिया जा सकता है। इसलिए जरुरी है हर महिला अपने शरीर को समझे और साथ ही अपने साथी को अपनी इक्छाओं के बारे में समझाएं ताकि दोनों मिलकर एक दूसरे को संतुष्ट कर पाएं।
अमेरिका में हुए रिसर्च के मुताबिक, अगर किसी महिला के साथ ऑर्गास्म को लेकर समस्या है तो इसके पीछे का कारण क्लिटोरिस का छोटा होना या वजाइना से क्लिटोरिस की दूरी का ज्यादा होना हो सकता है।
पहले ऐसी मान्यता थी कि सेक्स के दौरान संतुष्टि पाने के लिए पुरुष के लिंग की लंबाई, जी स्पॉट और क्लिटोरिस या वजाइनल ऑर्गास्म तीनों की अलग अलग अवस्था होनी चाहिए, लेकिन नए शोध के मुताबिक क्लिटोरिस ही महिलाओं में ऑर्गास्म के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। तो अगर आप अभी तक जी स्पॉट के बारे में जानकारी ढूंढ रहे थे तो उम्मीद है की शायद इस ब्लॉग को पढ़कर आपकी वो तलाश खत्म हो चुकी होगी।
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