ओवुलेशन क्या है और ओवुलेशन कब होता है – What is Ovulation and when does Ovulation happen

ओवुलेशन क्या है और ओवुलेशन कब होता है – What is Ovulation and when does Ovulation happen? ओवुलेशन के लक्षण (Ovulation symptoms in Hindi) क्या हैं ? ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण (Ovulation ke baad Pregnancy ke symptoms) क्या होते हैं? पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है? अगर आप ऐसे कई और सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं क्यूंकि आज हम जानेंगे ओवुलेशन के बारे में, ओवुलेशन क्या है और ओवुलेशन कब होता है, आइये जानते हैं।

लगभग हर औरत माँ बनना चाहती है, अगर आप भी माँ बनना चाहती है और इसके लिए कोशिश कर रही हैं या करने वाली हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरुरी है की पीरियड्स के बाद वो कौनसे दिन होते हैं जिन दिनों आपके गर्भधारण करने की सम्भावना काफी ज्यादा होती है। इन्ही संभावित दिनों को ओवुलेशन पीरियड (Ovulation in Hindi) या Fertile Window कहा जाता है।

ओवुलेशन के दौरान और उसके आसपास यानि मासिकचक्र का वह समय जब कोई महिला सबसे अधिक फर्टाइल होती हैं और उसमे निषेचन (fertilization) की संभावना सर्वाधिक होती है, उसी समय गर्भधारण करने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

मासिकचक्र के दौरान जब अंडाशय से अंडा निकलता है तो इसे ओवुलेशन कहा जाता है। ये अंडा, शुक्राणु से निषेचित (fertilize) हो भी सकता है और नहीं भी। यदि अंडा निषेचित हो जाता है तो आप गर्भधारण कर लेती हैं और यदि यह निषेचित नहीं होता है तो अंडा टूट जाता है और आपके मासिक धर्म के दौरान यह योनि मार्ग से बाहर निकल जाता है। इसलिए अगर आप गर्भधारण करना चाहती है तो इसके लिए ओवुलेशन के संकेतों (Ovulation symptoms) को पहचानना बहुत जरुरी है।

आसानी से गर्भधारण करने के लिए ओवुलेशन के संकेतों (Ovulation symptoms in Hindi) को पहचानना अत्यंत आवश्यक है। गर्भधारण के लिए अगर आपको अपना ओवलूशन समय (Ovulation period) पता है तो आप आसानी से गर्भधारण कर सकती है। अब सवाल यह उठता है की आपको कैसे पता लगेगा की आपका ओवुलेशन पीरियड चल रहा है या आने वाला है?

यदि आप किसी प्रकार के जन्म नियंत्रण तरीके (Birth control methods) या कॉन्ट्रासेप्टिव दवाइयों (Contraceptive Pills) का उपयोग नहीं कर रहे हैं तो आमतौर पर आपके गर्भ धारण करने की संभावना 25 से 30 प्रतिशत होती है, हालांकि यह परिस्थितियों के आधार पर व्यापक रूप से अलग भी हो सकता है।

ओवुलेशन आमतौर पर आपके मासिक चक्र के 11 से 21 दिनों के बीच होता है। इस दौरान अगर आप सम्भोग करते है तो आपके गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है। यदि आपके मासिक चक्र नियमित नहीं है तो आपका ओवुलेशन का समय भी अलग हो सकता है।

हर महीने महिलाओं के अंडाशय से एक परिपक्व अंडा निकलता हैं और इस दौरान गर्भधारण की सम्भावना सबसे अधिक होती है। महिलाओं के मासिक चक्र में ओवुलेशन एक बहुत अहम हिस्सा है। अगर आप अपनी मासिक चक्र और गर्भधारण करने के सही समय के बारे में जानना चाहती हैं तो उससे पहले ओवुलेशन को समझना जरूरी है। ओवुलेशन मासिक चक्र का ही एक हिस्‍सा है। तो चलिए जानते हैं ओवुलेशन के बारे में।

 

ओवुलेशन क्या है और ओवुलेशन कब होता है – What is Ovulation and when does Ovulation happen

ओवुलेशन क्या होता है (What is Ovulation, Ovulation meaning in Hindi)

ओवुलेशन से तात्पर्य है अंडाशय से एक परिपक्व अंडे का निकलना, यह प्रक्रिया हर महीने होती है। इस समय के आसपास एक महिला के गर्भवती (Pregnant) होने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।

आमतौर पर महिलाओं का मासिक चक्र 28 से 35 दिन का होता है, इस साइकिल में कुछ विशेष दिन ही ओवुलेशन के समय में आते हैं। सामन्य रूप से महिला के मासिक चक्र खत्म होने के 12 से 16 वें दिन का समय ओवुलेशन का समय (Ovulation period) कहलाता है।

 

ओवुलेशन कब होता है (When does Ovulation happen)

डॉक्टरों के मुताबिक महिलाओं में उनके जन्म के समय उनके अंडाशय में तक़रीबन 2 करोड़ अंडे होते हैं और युवावस्था यानी की उनके मासिक धर्म शुरू होने के समय तक करीब 5,00,000 अंडे ही बचते हैं। हर महीने मासिक धर्म शुरू होने के पहले एक अंडा विकसित होता है और धीरे धीरे परिपक्व होने लगता है।

मासिक धर्म खत्म होने के कुछ दिन बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बनने लगता है जो गर्भाशय की दिवार को मोटा करने में सहायता करता है जिससे यह शुक्राणुओं के लिए अनुकूल वातावरण बना देता है। धीरे धीरे एस्ट्रोजन में वृद्धि होने लगती है और यह एक अन्य हार्मोन जिसे ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) कहते हैं इसमें वृद्धि को बढ़ावा देता है।

LH की वृद्धि के कारण अंडा, अंडाशय से निकलने को तैयार होती है और महिला LH वृद्धि के 24 से 36 घंटे बाद ओवुलेट करती है। इस दौरान यदि अंडे को शुक्राणु मिल जाता है और शुक्राणु अंडे को निषेचित करने में सफल हो जाता है तो महिला गर्भधारण कर लेती है।

गर्भधारण के लिए आवश्यक है की आप अंडे के अंडाशय से निकलने के बाद शुक्राणुओं के प्रजनन मार्ग में रहने वाले 6 दिन में ही सम्भोग करें, इसमें ओवुलेशन वाला दिन और इसके बाद के 2 दिन सबसे उचित होते हैं।

यदि अंडा निषेचित नहीं होता है तो यह गर्भाशय की दिवार में मिल जाता है और मासिक चक्र के दौरान महिला के शरीर से निकल जाता है। निषेचन के ना होने की स्थिति में यह प्रक्रिया फिर से होती है जिससे अगले मासिक धर्म/पीरियड्स की शुरुआत होती है।

 

ओवुलेशन कैलकुलेटर (Ovulation Calculator)

यदि आपको पता हो की आप किन दिनों में सबसे अधिक फर्टाइल होती हैं तो इससे आप अपने गर्भवती होने की संभावना को बढ़ा सकती हैं। सामन्यतः एक महिला का मासिक धर्म चक्र 28 दिन का होता है, लेकिन यह प्रत्येक महिला के लिए अलग हो सकता है।

प्रत्येक मासिक धर्म के बाद लगभग 6 दिन होते हैं जब आप गर्भवती हो सकती हैं, इसे आपकी गर्भाशय से अंडे के निकलने के बाद स्पर्म के प्रजनन मार्ग में रहने वाले 6 दिन यानि फर्टाइल विंडो (fertile window) कहा जाता है।

ओवुलेशन कैलकुलेटर (Ovulation Calculator) का उपयोग करके आप आसानी से जान पाएंगी कि किस दिन आपके फर्टाइल होने की संभावना सबसे अधिक होगी, इसके लिए आप किसी ऑनलाइन कैलकुलेटर या किसी मोबाईल एप्लीकेशन का उपयोग कर सकती हैं।

 

Ovulation Symptoms in Hindi

ओवुलेशन के लक्षण (Ovulation Symptoms in Hindi)

जैसा की मैं पहले ही बता चुकी हूँ ओवुलेशन के समय या उसके आस पास के समय यदि आप सम्भोग करते हैं तो इससे आपके गर्भधारण करने की सम्भावना अत्यधिक बढ़ जाती है इसलिए आपको ओवुलेशन के लक्षणों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है।

तो चलिए बात करते है ओवुलेशन के कुछ मुख्य लक्षण (Ovulation symptoms) के बारे में जो निचे लिखे हैं, जिनकी सहायता से आप अपने ओवुलेशन के समय के बारे में जान सकती हैं –

1. सम्भोग की इच्छा का बढ़ जाना
2. योनि में सूजन आना
3. LH में वृद्धि होना
4. सर्वाइकल म्यूकस का अंडे की सफेदी के समान पतला, चिकना और स्पष्ट होना
5. सर्विक्स का कोमल होकर खुल जाना
6. पेट में नीचे की और हल्का दर्द या ऐंठन होना
7. शरीर का तापमान थोड़ा कम होना फिर बढ़ना

 

याद रखें जब भी आप गर्भधारण का प्रयास कर रहे हों तो यह बहुत आवश्यक है की आप धैर्य और दृढ़ता बनाये रखें। इसके साथ आप इस चीज के लिए भी तैयार रहिये की जरुरी नहीं है की आप अगर आप ओवुलेट कर रही है तो निश्चित रूप से गर्भधारण कर ही लेंगी। इसलिए आप ओवुलेशन के लक्षणों पर नजर बनाये रखिये और लगातार प्रयास करते रहिये।

यह भी पढ़ें :

गर्भधारण कब और कैसे होता है-When and How does Pregnancy Occur

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए – When to do Pregnancy Test

गर्भधारण के शुरूआती लक्षण – What are the Early Pregnancy Symptoms

सामान्य प्रसव क्या है-लक्षण, सुझाव तथा लाभ What is Normal Delivery – Symptoms, Tips and Benefits

प्रसव के बाद बालों के झड़ने के कारण तथा समाधान – Causes and Solutions for after Delivery Hairfall

 

उम्मीद करती हूँ आपको यह समझ आ गया होगा की ओवुलेशन क्या है और ओवुलेशन कब होता है – What is Ovulation and when does Ovulation happen? आप Ovulation के बाद निषेचन के लक्षण पर नज़र बनाये रखिये आप कामयाब जरूर होंगी। आपको आज की पोस्ट कैसी लगी अपने comment के द्वारा जरूर बताएं और इसे शेयर करना ना भूलें।

Share This Post:

My self Namrata Maurya. I’m an Author and Founder of Youthinfohindi.com. I’m from Pune and If I talk about my Education then I’m B.com Graduate and complete my MBA (Finance & Accounts). I love to share my experience and knowledge to others, that’s why I’m here.

2 thoughts on “ओवुलेशन क्या है और ओवुलेशन कब होता है – What is Ovulation and when does Ovulation happen”

Leave a Comment