क्या बच्चों को दिन भर डायपर में रखना सुरक्षित है – Is it safe to keep babies in diapers all day

हर नए माता पिता अक्सर इस बात से चिंतित रहते है की क्या बच्चों को दिन भर डायपर में रखना सुरक्षित है – Is it safe to keep Babies in Diapers all Day? क्या नवजात शिशु को पूरे दिन या रोज-रोज डायपर पहना सकते है? पूरे दिन डायपर पहनाना उनके लिए सुरक्षित है या नहीं? हालांकि, यह बात सभी माता पिता के लिए एक चिंता का विषय हैं।

वैसे देखा जाये तो डाइपर्स ज्यादा इस्तेमाल इसलिए किये जाते हैं, ताकि बच्चा जब गीला करे तो डायपर उसे सोख ले और बच्चे को गीलापन महसूस ना हो और वो आराम से रह सके। 

नवजात शिशु की त्वचा काफी कोमल होती है इसलिए हर माता पिता के मन में डाइपर पहनाने को लेकर बहुत सारी चिंता होती हैं जैसे शिशु की त्वचा खराब होना, रैशेज पड़ना, या कोई अन्य परेशानी होना इत्यादि। ऐसी चिंताएं हर माता पिता के मन में आती ही है। आज के ब्लॉग में हम जानेंगे की क्या बच्चों को दिन भर डायपर में रखना सुरक्षित है – Is Diapers safe for Babies?

जी हाँ, हमारे अनुभव के हिसाब से बच्चे को दिन-रात डायपर पहनना सुरक्षित हैं लेकिन तब जब आप कुछ बातों का ध्यान रखें। हालाँकि लोग और बड़े बुज़ुर्ग आपको यही सलाह देंगे की बच्चे को कपड़े की लंगोट में रखो, उसे डाइपर मत पहनाओ, उससे बच्चे को रैश नहीं होगा इत्यादि। बच्चे की त्वचा बहुत नाज़ुक और कोमल होती है उसपर बहुत जल्दी रैशेस हो जाते है।

पर अगर आप डॉक्टर्स की माने तो उनका कहना है की अगर आप बच्चे को सिर्फ रैशेस से बचाना चाहते है तो वो आप तभी कर पाएंगे जब आप साफ सफाई का पूरा ध्यान रखेंगे। अगर साफ सफाई का ध्यान ना रखा जाये तो चाहे आप डाइपर पहनाएं या बच्चे को कपड़े की लंगोट में रखें, रैशेस तब भी होंगे।

 

क्या बच्चों को दिन भर डायपर में रखना सुरक्षित है – Is it safe to keep babies in diapers all day

अगर आप बच्चे को दिन भर डायपर में रखना चाहते है तो आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना पड़ेगा तभी आप जान पाएंगे की क्या दिन भर बच्चों को डाइपर में रखना ठीक है – Does wearing diapers everyday damage the baby’s skin?

1. हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाला डायपर खरीदें

अक्सर हम समझ नहीं पाते की हमे कौनसा डाइपर ब्रांड इस्तेमाल करना चाहिए। हम केमिस्ट शॉप के कहने या टीवी के विज्ञापनों को देख कर डाइपर खरीद लेते है। लेकिन इस बात का ध्यान नहीं रखते की वो बच्चे की त्वचा को सूट करेगा या नहीं। इसलिए हमेशा Gel based डाइपर का ही इस्तेमाल करें।

Gel based डाइपर जैसे pampers, huggies, Himalaya डाइपर ब्रांड्स काफी अच्छे माने जाते है। आप जब भी कोई डाइपर लेते है तो ध्यान दीजिये की उसकी सोखने की शक्ति कितनी है, आपको कितनी कितनी देर बाद उसे बदलते रहना पड़ रहा है और अगर आपको वो ठीक नहीं लग रहा तो आप दूसरी ब्रांड का चुनाव कीजिये।

तो दिन भर बच्चे को डाइपर में रखने के लिए एक अच्छे डाइपर ब्रांड और जेल बेस्ड डाइपर का होना बहुत जरुरी है। नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा डायपर का चुनाव करना बहुत ही ज्यादा जरुरी है क्यूंकि नवजात शिशु की त्वचा काफी ज्यादा नाजुक होती है। 

2. डायपर से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन करें

बच्चो की त्वचा बहुत नाज़ुक होती है। उसपे रैशेस बहुत जल्दी होने की सम्भावना रहती है। बच्चों के डाइपर को हर तीन घंटे पर बदलते रहें। बच्चे जब बहुत छोटे होते है तो वो बहुत ज्यादा मल और मूत्र त्यागते है। ऐसा माना जाता है की बच्चे अगर ज्यादा मल और मूत्र का त्याग करते हैं तो उनकी सेहत अच्छी होती है।

जब बच्चा मल त्याग करेगा तो आपको तो डाइपर बदलना ही है पर अगर वो सिर्फ ज्यादा मूत्र त्याग कर रहा है तो हर दो घंटे में डाइपर बदलते रहें। आप अपने बच्चे को समझिये की वो कब, क्या और कितना करता है उसके हिसाब से आप उसका डाइपर बदलते रहें।

कुछ ऐसे बच्चे भी होते है जो एक बार मूत्र त्याग करते ही परेशान होने लगते है ऐसे में हर बार मूत्र त्याग करने के बाद आपको उसका डाइपर बदलना पड़ेगा।
जब भी आप डाइपर बदलें उस वक़्त आपको बच्चे की उस कोमल जगह को हल्के गुनगुने पानी और सूती के कपड़े की मदद से पोंछना है।

कुछ लोग वाइप्स भी इस्तेमाल करते है पर वाइप्स सिर्फ अगर आप कही बाहर जाते है तभी के लिए रखें। ज्यादातर छोटे बच्चे घरों में ही रहते है, हम उनको ज्यादा बाहर नहीं ले कर जाते, तो घर पर आप पानी और सूती कपड़े का ही इस्तेमाल करें।

पानी से धोने के बाद सूखे सूती कपड़े से हलके हाथों से थपथपा कर सुखाएं फिर उस जगह को दस से पंद्रह मिनट के लिए ऐसे ही खुली हवा में सूखने दें।
ध्यान रखें जब त्वचा पूरी तरह सुख जाये तभी डाइपर पहनाएं। इस बात का जरूर ध्यान रखें की डाइपर पहनाने से पहले आप उस जगह पर डाइपर रैश क्रीम या नारियल का तेल लगाने के बाद ही डाइपर पहनाएं।

जरुरी नहीं है की डाइपर रैश क्रीम रैशस होने के बाद ही लगाते है, बल्कि अगर आप ऐसे भी डाइपर पहनाने से पहले बच्चे की त्वचा पर इसे लगा दें या नारियल का तेल लगा दें तो रैशेस होने की सम्भावना ना के बराबर हो जाती है।

3. हमेशा सही आकर (Size) के डाइपर चुनें

बच्चे के वजन के हिसाब से डायपर कई साइज में आते हैं। जब भी आप डाइपर खरीदने जाते है, तो डाइपर्स के पैकेट पर NB 0-5 Kg, S 4-8 Kg, M 7-12 Kg, L 9-14 Kg, XL 12-17 Kg…..ऐसा लिखा होता है। तो हमेशा अपने बच्चे के लिए सही आकार का डायपर चुनें।

हमेशा एक साइज ज्यादा बड़ा डाइपर लें क्यूंकि एक बच्चे का विकास काफी तेजी से होता है, इसलिए डाइपर का बड़ा आकार यह सुनिश्चित करता है कि बच्चा सहज महसूस कर रहा है।

बड़े आकर का डाइपर बच्चे को तंग (Tight) भी नहीं होग। कभी कभी बच्चे इसलिए भी रोते हैं क्यूंकि उनका डाइपर बहु तंग होता है, और ज्यादा तंग डाइपर के इस्तेमाल से बच्चे को रैशेस हो सकते है।

Is Diapers safe for Babies

4. रैशेस होने पर डाइपर ना पहनाएं

अगर किसी कारण से बच्चे को रैशेस हो जाएं तो आप बच्चे को डाइपर पहनाना बिलकुल बंद कर दें। रैशेस को ठीक करने के लिए हमेशा रैशेस को पानी से धोते रहें और बच्चे को ढीले ढाले लोअर पहनाएं।

रैशेस वाले जगह जितना ज्यादा हवा के संपर्क में आएगा उतनी ही जल्दी रैशेस ठीक होंगे। रैशेस वाली जगह पर कभी भूलकर भी पाउडर ना लगाएं।

5. हमेशा अच्छी क्वालिटी के डाइपर रैश क्रीम या नारियल के तेल का इस्तेमाल करें

बच्चे को डाइपर पहनाने से पहले हमेशा एक अच्छी क्वालिटी का डाइपर रैश क्रीम या नारियल का तेल जरूर लगाएं।

नारियल तेल प्राकृतिक है तो ये कभी भी बच्चे की त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, बल्कि ये बच्चे की त्वचा और मूत्र के बिच एक लेयर बना देता है जिससे रैशेस की सम्भावना काफी कम हो जाती है। नारियल का तेल एंटी बैक्टीरियल होता है और त्वचा को ठंडक देता है। नारियल का तेल एंटी इंफ्लेमेटरी भी होता है जो त्वचा की जलन (irritation) को कम करता है।

लेकिन अगर आप एक डाइपर रैश क्रीम का इस्तेमाल करते है है तो हमेशा इस बात का ध्यान रखें की वो zinc oxide बेस्ड हो। zinc oxide बेस्ड डाइपर रैश क्रीम सबसे बेहतरीन क्रीम होती है डाइपर रैश को मिटाने और कभी ना होने देने के लिए।

सामान्य कपड़े की लंगोट की सोखने की शक्ति कम होती है। वो एक बार में ही गिला हो जाता है और आपको बार बार उसे बदलना पड़ता है। कपड़े की लंगोट को धो कर के इस्तेमाल में लाया जाता है, तो वो ठीक से धुला या नहीं, उसके सारे बक्टेरिया ख़त्म हुए या नहीं इन सब परेशनियों और चिंताओं से बचने के लिए आप डाइपर्स का इस्तेमाल कर सकते है।

यह पूरी तरह आपके ऊपर है की आप अपने बच्चे के लिए क्या उचित समझते है क्यूंकि माता पिता से बढ़कर बच्चे का अच्छा और कोई नहीं सोच सकता। माता पिता को ही तय करना होता है की उनके बच्चे के लिए कौन सा डाइपर अच्छा होता है और क्या डाइपर उनके बच्चे के लिए सुरक्षित है – Are Diapers Safe for Babies.

Is it safe for Baby to Wear Diaper

 

डायपरिंग बच्चो की परवरिश की यात्रा का एक बहुत जरुरी हिस्सा है। आपको अपने बच्चे के आराम के अनुसार एक अच्छे डाइपर का चुनाव करना बहुत जरूरी है। अच्छे डाइपर के चुनाव और सही देखभाल से आपका बच्चा दिन भर तरोतजा महसूस करेगा और वो सुरक्षित भी रहेगा। 

 

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दोस्तों उम्मीद करती हूँ आज के ब्लॉग में दी गयी जानकारी आपके बहुत काम आएगी और आप आपको इस ब्लॉग में इस बात का जवाब भी मिल गया होगा की क्या बच्चों को दिन भर डायपर में रखना सुरक्षित है – Is it safe for Baby to Wear Diaper? आज का ब्लॉग कैसा लगा मुझे कमेंट करके जरूर बताएं पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।

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My self Namrata Maurya. I’m an Author and Founder of Youthinfohindi.com. I’m from Pune and If I talk about my Education then I’m B.com Graduate and complete my MBA (Finance & Accounts). I love to share my experience and knowledge to others, that’s why I’m here.

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