बच्चों की TV और मोबाइल की आदत कैसे छुड़वाये – How to Get Rid of TV and Mobile Habit of Children

क्या आपके बच्चे को TV, Mobile या किसी अन्य Electronics Gadgets की लत लग गयी है और क्या आय दिन आप इसी कोशिश में लगे रहते हैं की अपने बच्चों की TV और मोबाइल की आदत कैसे छुड़वाये – How to Get Rid of TV and Mobile Habit of Children?

यदि हाँ तो आज के इस पोस्ट में मैं बताने वाली हूँ कुछ ऐसे टिप्स और ट्रिक्स जिसके बाद आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा की आप अपने बच्चों को मोबाइल से दूर कैसे रख सकते हैं – Bachchon ko mobile se dur kasie rakhe

आज के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं, बच्चों की TV और Mobile की आदत कैसे छुड़वाये तथा बच्चों को TV, mobile या किसी भी Electronics Gadgets से किस तरह जान पहचान कराएं या कब दिखाना शुरू करें ताकि TV, mobile या कोई अन्य Electronics Gadgets उनकी आदत ना बन जाये। 

हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे की अगर आपका बच्चा TV या mobile पर ज्यादा समय बिताता है तो आप क्या कर सकते है जिससे वो TV, Mobile को छोड़कर आपके साथ या खेलने में अपना समय बिताना ज्यादा पसंद करे।

आज के समय में छोटे-छोटे बच्चे खाते – पीते समय, पॉटी करते समय या रेस्टोरेंट्स में या कही भी हर जगह मोबाइल में लीन पाए जाते है। आजकल के बच्चे ऐसे है की वो TV चलाना, मोबाइल चलाना, यूट्यूब लगाना, टच स्क्रीन फ़ोन को इस्तेमाल करना इत्यादि सब जानते है।

माताएं अगर किसी से बात कर रही होती है या कोई अन्य काम कर रही होती है तो बच्चो को मोबाइल दे देती है ताकि वो उसमे व्यस्त रहे और माताएं अपना काम या बातें कर सके।

बच्चों के हाथ में मोबाइल पकड़ाना आजकल एक फैशन सा बन गया है, किसी को कुछ बोलो की भला आप इतने छोटे बच्चे को मोबाइल क्यों देते है तो माता-पिता फट से बोल देते है आजकल के बच्चे एडवांस है सब जानते है, फ़ोन के बिना इन लोग का गुज़ारा नहीं है।

WHO के अनुसार एक साल तक के बच्चों को TV, mobile या कोई भी Electronics Gadgets देना या दिखाना सुरक्षित नहीं है। जब बच्चे एक साल के हो जाये उसके बाद आप थोड़ी थोड़ी देर जैसे 10 – 15 मिनट्स के लिए उनको ये सब दे सकते है और दो साल के बाद सिर्फ एक घण्टे के लिए देना सुरक्षित है इससे ज्यादा नहीं।

आगे बढ़ते हैं और जानते हैं की आप ऐसा क्या – क्या कर सकते जिससे आप अपने बच्चों को टीवी, मोबाइल इत्यादि से दूर रख पाएं।

 

बच्चों की TV और मोबाइल की आदत कैसे छुड़वाये – How to Get Rid of TV and Mobile Habit of Children

आपका बच्चा भी अगर दिन में कई कई घंटे टीवी, मोबाइल या भी अन्य Electronic Gadgets के साथ समय बिताता है तो माता पिता होने के नाते आपके मन में ये सवाल आना लाज़मी है की अपने बच्चे की Mobile ki Lat Kaise Chudaye?

इसी सवाल के जवाब के लिए आप निम्नलिखित टिप्स और ट्रिक्स को अपना सकते हैं ताकि आपका बच्चा भी टीवी, मोबाइल या भी अन्य Electronic Gadgets से दूर रहे और आपके साथ ज्यादा वक़्त बिताये।

1. कुछ नियम बनाना

कुछ नियम बनाएं और उसका पालन करें जिसमे पहले आप TV, mobile या किसी भी Electronics Gadgets से खुद को दूर रखें।

ये काम थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्यूंकि माता पिता होने के नाते आप और आपका पार्टनर शायद इसे माने भी पर बाकि सब जो घर के लोग, नौकर चाकर या कोई अन्य रिश्तेदार जो आपके पास आते जाते हों वो आपकी इन बातों से सहमत नहीं होंगे।

आप जब अपने बच्चे के साथ होते है उस समय आप अपने मोबाइल को खुद से दूर रखें, TV ना चलाएं, मोबाइल को वाइब्रेट या साइलेंट रखें। क्यूंकि अगर आप बच्चे के सामने मोबाइल में लगे रहेंगे तो जाहिर है की उसे उत्सुकता होगी की आखिर इसमें ऐसा क्या है जो मेरे माता पिता इसी में लगे रहते है।

इसलिए जब भी आप बच्चो के साथ हों बस उनके साथ समय बिताएं मोबाइल TV या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को खुद से दूर रखें।

 

2. बच्चों को पहले क्या और कब दिखाना शुरू करें

बच्चे जब एक साल के हो जाएं उसके बाद आप 10 – 15 मिनट्स के लिए TV मोबाइल दिखाना शुरू कर सकते है लेकिन अगर आपका बच्चा अभी भी बस खेलने और आपके साथ वक़्त बिताने में अपना समय लगता है तो बेशक आप उसे वही करने दे, अभी आप उसे TV मोबाइल इत्यादि दिखाना ना शुरू करें।

जितना देरी से आप इन चीजों को दिखाना शुरू करेंगे उतना ज्यादा ये आपके बच्चे के लिए अच्छा होगा। 2 से 2.5 साल के बाद आप चाहे तो बच्चो को TV मोबाइल इत्यादि दिखाना शुरू कर सकते है लेकिन मात्र 10 – 15 मिनट्स के लिए, उसका बाकि समय खेलने और आपके साथ वक़्त बिताने में जाना चाहिए।

अगर बात करे की बच्चो को पहले क्या दिखाना शुरू करना चाहिए तो मेरे हिसाब से पहले TV दिखाना ज्यादा ठीक रहेगा क्यूंकि TV की स्क्रीन बड़ी होती है, और TV एक ऐसी चीज है जो आप सब मिलकर एक साथ देख सकते है।

अगर बच्चे को मोबाइल की आदत लग जाती है है तो वो सिर्फ इसे अकेले बैठ के ही देखता रहेगा और जिस चीज के लिए मोबाइल होते है यानि मोबाइल से किसी से बात करना, वो भी आप नहीं कर पाएंगे क्यूंकि बच्चे को उसकी आदत पड़ चुकी होगी और वो आपको मोबाइल देंगे ही नहीं।

3. बच्चे को मोबाइल या TV दिखाना कैसे शुरू करें

आप बच्चे को कुछ भी दिखाना शुरू करें लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए की आपके बच्चे को इसकी आदत लग जाये और वो बस ये समझने लगे की अब तो बस यही मेरा मनोरंजन का साधन है और मुझे कुछ नहीं चाहिए।

एक – डेढ़ साल के बच्चे ज्यादातर राइम्स या कहानियां देखना सुनना ज्यादा पसंद करते है तो पहले उनको राइम्स या कहानियां दिखाना और सुनाना शुरू करें। आजकल इसके लिए यूट्यूब सबसे अच्छा विकल्प है क्यूंकि इसमें 2-4 मिनट्स के वीडियोस होते है और एक के बाद दूसरा खुद ही चलना शुरू हो जाता है। इससे बच्चे का एक ही चीज में ध्यान नहीं लगा रहता।

इसके साथ आप जब भी बच्चों को TV दिखाएं तो आप या आपके पार्टनर या कोई घर का सदस्य बच्चे के साथ जरूर हो।

TV देखने के दौरान आप बच्चे से बात करे उसके साथ खेलते रहे उसके हाथ पकड़ कर उसके साथ डांस करे या वो TV में क्या देख रहा है इसके बाद क्या होगा इसके बारे में बताएं, या फिर कोई ना कोई ऐसी गतिविधियां (activities) करते रहे जिससे बच्चे का ध्यान एक दम TV पर ही ना लगा रहे।

बच्चे को ऐसा बिलकुल भी महसूस ना होने दे की TV उसके लिए बहुत जरुरी है, वो उसके मनोरंजन का साधन है, बच्चे को ऐसा लगना चाहिए की ये TV मेरी बाकि सब गतिविधियो जैसे खेलने, खाने, घूमने जैसा ही है। ऐसा करने से जैसे बच्चे खिलौने के साथ ऊब जाते है वैसे ही TV से भी ऊब जायेंगे।

इसके अलावा बच्चे ने जो TV पर देखा और सुना आप उसे अलेक्सा, रेडियो या खुद से गा कर या किसी भी अन्य तरीके से भी उसे सुनाएं। जैसे मान लिया बच्चे ने एक राइम सुना नानी तेरी मोरनी को मोरे ले गए तो आप ये राइम कभी खुद गा लीजिये, या कही घूमने जा रहे है और आपके पास कार है तो उसमे इसका ऑडियो चला दीजिये, या अलेक्सा पे सुना दीजिये।

इससे बच्चे को ऐसा लगेगा की उसे इस Rhyme को देखने या सुनने के लिए सिर्फ या Mobile पर ही निर्भर रहने की जरुरत नहीं है, वो इसे कई माध्यमों से सुन सकता है। अगर आप सोचते हैं की बच्चों की TV और मोबाइल की आदत कैसे छुड़वाये तो आपके लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी साबित होगा।

 

4. माता पिता खुद को TV मोबाइल से दूर रखें

बच्चे अगर हमे मोबाइल, टीवी, लैपटॉप या कोई अन्य चीज इस्तेमाल करते देखते है तो उनको भी वो चीज करने और देखने की उत्सुकता रहती है। हमारे बच्चे हमे देख और सुनकर ही तो सीखते है।

बच्चे को अगर दीखता है की हमारे माता पिता या हमारे अपने इन चीजों में ही व्यस्त रहते है तो उन्हें भी इसकी आदत लग सकती है, खासकर मोबाइल की।

हम बड़ो को ऐसा लगता है की मोबाइल तो इतना छोटा सा है इसमें हम कुछ भी करे तो बच्चे को क्या पता लगेगा, पर ऐसा नहीं होता आप मोबाइल में लगे होते है और बच्चा सोचता रहता है की इसमें कुछ तो ऐसा होगा जो मेरे माता या पिता हमेशा इसे देखते सुनते रहते है।

 

5. मोबाइल TV की आदत को बच्चे की किसी और आदत से ना जोड़े

ज्यादातर माता पिता बच्चे को खाते समय, पॉटी करते समय या कहीं बाहर होते है तब या रेस्टॉरेंट्स में खाना खाते समय मोबाइल पकड़ा देते है या घर पे होते है तो TV चला देते है।

ऐसा करना बिलकुल भी ठीक नहीं है इससे बच्चे को आदत लग जाती है की मुझे खाते समय मोबाइल चाहिए, पॉटी करते समय मोबाइल चाहिए। ऐसा करने से बच्चे किसी काम को मोबाइल या TV देखने के साथ जोड़ लेते है और उनको अगर वो काम करते समय मोबाइल या TV नहीं दिखाया गया तो वो उस काम को ठीक से नहीं कर पाते।

कभी भूख से ज्यादा खा लेते है तो कभी कम खाते है, कभी पॉटी ठीक से नहीं होती और आगे चल कर ये आदतें काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसलिए इस चीज का पूरा ध्यान रखें खाते या पॉटी करते समय या कोई अन्य काम करते समय बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर ही रखें।

Bachchon ko mobile se dur kasie rakhe

 

6. मोबाइल को साइलेंट या वाइब्रेट मोड पर रखें

जब भी आप बच्चे के साथ होते है तो आप अपने मोबाइल को साइलेंट या वाइब्रेट मोड पर रखें क्यूंकि अगर उस दौरान आपका फ़ोन बजा या कोई मैसेज आया तो आपका ध्यान उधर जाएगा और आप सोचेंगे की क्या मैसेज आया है, किसका फ़ोन आ रहा है, एक बार देख लेते है और आप देखने लगते है।

आपको ऐसा लगता होगा की बच्चे का ध्यान इसपे नहीं जाता पर बच्चे इन चीजों को बहुत ध्यान से देख और समझ रहे होते है। इसलिए बच्चे के साथ समय बिताते हुए आपका पूरा ध्यान बस बच्चे पर ही होना चाहिए।

 

7. त्याग है जरुरी

अगर आपको अपने बच्चे को TV मोबाइल से दूर रखना है तो पहले आपको खुद इन चीजों से दूर रहना पड़ेगा। जैसे जैसे बच्चे बड़े होते है उन्हें TV मोबाइल के अलावा किसी और चीज में व्यस्त रखना मुश्किल हो जाता है इसलिए आपको शुरुआत से ही इन चीजों का पालन करना होगा, आप ये सब नहीं देखेंगे तो बच्चा भी इन चीजों को देखने की जिद नहीं करेगा।

जितना हो सके बच्चे को अपने साथ, खेल खुद या किन्ही और गतिविधियों में व्यस्त रखें ताकि उन्हें खाली समय में TV या मोबाइल देखने की इक्छा ना करे। जितना आप अभी त्याग करेंगे, जितना इन चीजों को ठीक से पालन करेंगे आगे चल के उतना ही अच्छा असर आपके बच्चे की सेहत, दिमागी विकास, शारीरिक विकास तथा सामाजिक विकास पर पड़ेगा।

 

आपने सुना होगा की बच्चे की परवरिश (Parenting) मुश्किल होती है लेकिन हम ये कहेंगे की बच्चे की अच्छी परवरिश वास्तव में सबसे कठिन है जहां आप अपनी नींद, अपनी शांति, अपने आराम, अपना स्वास्थ्य सब कुछ अपने बच्चे की बेहतरी के लिए बलिदान कर देते हैं, विशेष रूप से शुरूआती सालों में। बच्चे की परवरिश के शुरूआती कुछ वर्ष सबसे कठिन होते है।

अगर आप चाहते है की आपका बच्चा मोबाइल या TV पर ज्यादा समय ना बिताये और वो अपने आप पास के वातावरण, चीजों को सिखने और खुद के विकास पर ज्यादा ध्यान दे तो आपको त्याग तो करना पड़ेगा, बच्चों को अपना समय देना पड़ेगा।

मैंने जो कुछ उपाय बताये है इसके अलावा आप कई और चीजे कर सकते है जैसे सही समय पर बच्चे का प्ले स्कूल शुरू कराएं, उसको बाहर कही खेलने के लिए ले जाएं, सही समय पर उसके साथ उठे और भी बहुत कुछ।

बच्चे को मोबाइल पकड़ाने से अच्छा है आप खुद मोबाइल लें और उसमे देखें की आप अपने बच्चे को घर में कैसे और किन चीजों में व्यस्त रख सकते है जिससे बच्चे की दिमागी, शारीरिक और सामाजिक विकास हो सके।

एक बच्चा बस यही चाहता है की वो अपने माता पिता के साथ अच्छे पल बिताये ना की मोबाइल और TV में व्यस्त रहे, तो इसके लिए आपको ही मेहनत और त्याग दोनों ही करने पड़ेंगे, जिस हिसाब से आप अपने बच्चे को ढालेंगे, जैसी उसी परवरिश करेंगे वो वैसे ही बनेंगे।

 

उम्मीद करती हूँ मेरे आज के इस ब्लॉग से आपको अपने बच्चों की TV और मोबाइल की आदत कैसे छुड़वाये – How to Get Rid of TV and Mobile Habit of Children और Mobile ki Lat Kaise Chudaye जैसे सवालों के जवाब मिल गए होंगे।

इस पोस्ट से जुड़े सवालों के लिए आप मुझे कमेंट कर सकते हैं और आज का यह पोस्ट आपको कैसा लगा अपने विचार मुझे अवश्य बताएं ताकि मैं ऐसे और भी पोस्ट आपके लिए लाती रहूँ। आप मुझे Social Networks पर भी join कर सकते हैं और मुझे Contact us पेज के ज़रिये भी Contact कर सकते है।

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My self Namrata Maurya. I’m an Author and Founder of Youthinfohindi.com. I’m from Pune and If I talk about my Education then I’m B.com Graduate and complete my MBA (Finance & Accounts). I love to share my experience and knowledge to others, that’s why I’m here.

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