प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए – When to do Pregnancy Test

हर महिला पूरी तभी होती है जब वो एक माँ बनती है। उनकी ज़िन्दगी में एक पल ऐसा आता है जब वो गर्भवती होना चाहती है, माँ बनने का सुख लेना चाहती हैं। अगर किसी महिला को यह पता लग जाये की वो गर्भवती हैं, तो वो क्षण उसके जीवन के सबसे अनमोल पलों में से एक होता है। एक दंपति के जीवन में गर्भावस्था बहुत संतोष और आनंद लेकर आती है। लेकिन आप गर्भवती हैं या नहीं यह पता करने के लिए आपको यह जानना जरुरी है की पीरियड्स मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए – When to do Pregnancy Test.

दाम्पत्य जीवन में असुरक्षित यौन संबंध के बाद या मासिक धर्म में देरी होने के बाद मन में यही सवाल आता है की कहीं मैं प्रेगनेंट तो नहीं हूं? ऐसे में महिला चाहती है की प्रेगनेंसी किट खरीदकर कर घर पर ही गर्भवस्था की जाँच कर लूँ।

लेकिन अगर आप गर्भावस्था की जाँच ठीक से नहीं करती तो आपको सही नतीजे नहीं मितले क्यूंकि कई महिलाओं को यह पता ही नहीं होता है की प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए (pregnancy test kab kare) और प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है (Pregnency test ka sahi samay)।

वैसे तो जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है उसका शरीर संकेत देने लगता है जिससे वो खुद अंदाजा लगा सके की वो गर्भवती है। मासिक धर्म का निर्धारित समय पर ना आने को गर्भावस्था का शुरूआती लक्षण (Early Pregnency Symptoms) मान सकते हैं। लेकिन इसके अलावा और भी कई संकेत हैं जो आपका शरीर आपको देता है ताकि आप जान सकें की आप गर्भवती हैं।

गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में आपको जी कब्ज़, मिचलाना, उलटी आना और पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं क्यूंकि गर्भावस्था शुरू होते ही महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं जिससे थकान और चिड़चिड़ापन भी महसूस होता है।

गर्भावस्था की जांच के लिए अब ज्यादातर महिलाएं गायनाकोलॉजिस्ट के पास नहीं जाती बल्कि चाहती है की घर पर ही प्रेगनेंसी किट की मदद से पता करना चाहती है की वो गर्भवती है या नहीं। तो चलिए जानते हैं की आखिर प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है और गर्भावस्था की जाँच कब करनी चाहिए ताकि आपका प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आये।

 

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए – When to do Pregnancy Test

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण आपके मासिक धर्म के समय से कुछ सप्ताह पहले दिखाई देते हैं, लेकिन होम प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए ओव्यूलेशन की तारीख से दो सप्ताह की औसत प्रतीक्षा अवधि की अनुशंसा की जाती है। मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) एक प्लेसेंटा–निर्मित हॉर्मोन है जो गर्भाशय में एक भ्रूण को प्रत्यारोपित करने के बाद मूत्र में मिल जाता है, यह निषेचन के लगभग 6 से 12 दिन बाद होता है।

एचसीजी का स्तर परीक्षण से तभी पता चलता है जब मासिक धर्म का समय पास हो, होम प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय आपके मासिक धर्म के निर्धारित समय के एक हफ्ते बाद है। एक सही परिणाम की 90% संभावना तब होती है, जब परीक्षण मासिक धर्म की निर्धारित तिथि बीतने के बाद किया जाता है।

जैसे ही किसी महिला का मासिक धर्म आने में देरी होती है, वह उत्सुक हो जाती है और सोचने लगती है कि कहीं मैं प्रेग्नेंट तो नहीं और वो किसी डॉक्टर के पास जाने से पहले घर पर ही उसकी गर्भावस्था की पुष्टि कर लेना चाहती है। ऐसे मामलों में जब आप इस दुनिया में एक नया जीवन लाने वाली हैं, आपका घर पर किया गया गर्भावस्था परीक्षण यह पता लगाने का सबसे सुविधाजनक और आसान तरीका है।

इसके लिए आप घर पर प्रेग्नेंसी परीक्षण किट का इस्तेमाल कर सकती है। आजकल, अधिकांश टेस्ट किट आपकी गर्भावस्था का पता मासिकधर्म न होने के पहले दिन पर ही लगा सकते हैं। बाजार में और भी अधिक उन्नत और संवेदनशील किट उपलब्ध है जो मासिकधर्म होने के अपेक्षित दिन से पहले भी गर्भावस्था का पता लगा सकते हैं जब एच.सी.जी. का स्तर कम होता है।

लेकिन यह संभावना है कि इन प्रारंभिक परीक्षणों से परिणाम सटीक न हो। आप दिन में किसी भी समय परीक्षण कर सकती हैं, लेकिन परीक्षण करने से पहले बहुत अधिक पानी न पिएं क्योंकि यह शरीर में एच.सी.जी. के स्तर को कम कर सकता है। हालांकि, अधिकांश परीक्षणों में दिन के पहले मूत्र का उपयोग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि परीक्षण के लिए ईएच.सी.जी. स्तर रात के समय में मूत्र में केंद्रित हो जाता है।

यदि आपका मासिकधर्म अनियमित है, तो आपको परीक्षण लेने के लिए अपने अनुभव के आधार पर मासिकधर्म होने के सबसे लंबे समय तक का इंतजार करना चाहिए क्योंकि आप शायद निश्चित रुप से नहीं कह सकते हैं कि आपके मासिकधर्म का सही समय क्या हैं।

इसी तरह, यदि आपने हाल ही में गर्भनिरोधक गोलियां लेना बंद कर दिया है तो आप अपने नियमित मासिकधर्म चक्र के बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकते हैं। उस स्थिति में, यदि आपके पहले परीक्षण का परिणाम नेगेटिव है, तो तीन दिनों तक प्रतीक्षा करें और फिर से परीक्षण करें।

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गर्भावस्था के लक्षणों का अनुभव होना कब शुरू होता है
हर महिला में लक्षणों के नज़र आने में भिन्नता होती है। कोमल स्तन, मतली, थकान, नींद, गंध के प्रति संवेदनशीलता और पेट में सूजन आम लक्षण होते हैं जो मासिक धर्म के न होने से एक सप्ताह या दस दिन पहले शुरू होते हैं।

बार–बार पेशाब आना आमतौर पर मासिक धर्म के निर्धारित समय से कुछ दिन पहले होता है। योनि से स्राव, ग्रीवा के श्लेम के रंग में परिवर्तन, निप्पल के चारों तरफ के रंग का गहरा होना, जैसे अन्य लक्षण कुछ समय बाद दिखते हैं। सामान्यतः गर्भाधान के 6 से 14 दिन बाद गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण सामने आते हैं।

जब आप ओव्यूलेशन अवधि के दौरान सम्भोग करते हैं, तो शरीर बढ़ते भ्रूण के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर देता है। फर्टिलाइजेशन के बाद, भ्रूण खुद को गर्भाशय की दीवार से जोड़ता है। मासिकधर्म शुरू होने के दस दिन पहले आप गर्भवती हो जाती हैं।

यही कारण है कि महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण जैसे कि उल्टी और थकान महसूस करना शुरू करती हैं। हालांकि, गर्भावस्था परीक्षण एक या दो सप्ताह की अवधि के बाद ही सर्वोत्तम परिणाम देता है, क्योंकि मूत्र में गर्भावस्था हार्मोन का स्तर तब तक उचित स्तर तक होना चाहिए।

हर महिला में गर्भावस्था के लक्षण और चरण अलग अलग होते है। आपके द्वारा अनुभव किए जाने वाले कुछ लक्षण किसी बीमारी के कारण भी हो सकते हैं जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं हो।

यदि आप परिवार शुरू करने की सोच रही हैं तो आपको अपने गर्भवती होने के संकेतों के नज़र आने पर ध्यान देना होगा। संभव है कि किसी महिला को कोई भी लक्षण दिखाई ना दे लेकिन तब भी महिला गर्भवती हो सकती है और उसे पूरी तरह से सामान्य बच्चा पैदा हो सकता है। गर्भावस्था की पुष्टि तभी की जा सकती है जब आपको मासिक धर्म निर्धारित समय पर न हो या प्रेगनेंसी टेस्ट किट द्वारा परीक्षण किया जाए।

उम्मीद करती हूँ आपको पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे और पीरियड्स मिस होने पर प्रेगनेंसी टेस्ट कितने दिन बाद करना चाहिए का जवाब मिल गया होगा। आज का ब्लॉग प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए – When to do Pregnancy Test आपको कैसा लगा, अपने सुझाव कमेंट करके जरूर बताये और इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।

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