Pregnancy ka Dusra Mahina: गर्भावस्था औरत के जीवन का एक ऐसा अनुभव है जिसे हर औरत अपने जीवन में कम से कम एक बार तो इसका अनुभव करना चाहती ही है। आज के ब्लॉग में हम baby growth in 2nd month pregnancy in Hindi यानि गर्भावस्था का दूसरा महीना | Second Month of Pregnancy in Hindi | लक्षण, शारीरिक बदलाव, भ्रूण का विकास, आहार तथा सावधानियाँ के बारे में चर्चा करेंगे।
जब आपको पहली बार पता चलता है की आप माँ बनने वाली है तो आपको सबसे ज्यादा ख़ुशी उसी पल होती हैं। ये खबर आपके जीवन को खुशियों से भर देती है। गर्भधारण करने के बाद हर महिला में कई तरह के शारीरिक बदलाव (Second Month Pregnancy Symptoms) होते है साथ ही उन्हें कई सारी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
गर्भवस्था (pregnancy in hindi) : प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है, प्रेगनेंसी कब से काउंट होती है, गर्भ ठहरने के लक्षण क्या है, प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है, प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या खाना चाहिए, प्रेगनेंसी कब से मानी जाती है और गर्भावस्था के पहले सप्ताह में कौनसे लक्षण दीखते हैं – गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह (pregnency ke lakshan in first week in hindi) और प्रेग्नेंसी के पहले महीने में कौन से टेस्ट करवाने चाहिए, इन सबके बारे में मैं आपको अपने पिछले लेख Pregnancy ka Pehla Mahina : लक्षण, शारीरिक बदलाव, भ्रूण का विकास, आहार तथा सावधानियाँ में बता चुकी हूँ।
जब भी आप गर्भवती होती है तब आपके शरीर के साथ साथ आपके जीवन में भी कई तरह के बदलाव आते है। जैसे ही आप गर्भधारण करती है आपके शरीर में कई तरह के हार्मोनल असंतुलन और बदलाव शुरू हो जाते हैं। आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे गर्भावस्था गर्भावस्था के दूसरे महीने (पांचवे से आठवां सप्ताह) में दिखने वाले लक्षण, शारीरक बदलाव, शिशु का विकास तथा गर्भवती महिला के आहार के बारे।
गर्भावस्था के पहले महीने में आपके शरीर में होने वाले बदलाव को केवल आप ही महसूस कर सकती है लेकिन दूसरे महीने में आपके अंदर ढेरों बदलाव दिखाई देने लगते है। आपके भ्रूण का विकास शुरू हो चूका होता है। इस महीने आपको सुबह सुबह मतली और उल्टी (morning sickness) जैसा महसूस होने लगेगा। ये महीना आपके लिए बहुत खास होता है। इस दौरान आपको अपने खान पान और भी बहुत चीजों में बहुत सावधानियॉ बरतनी होंगी।
Pregnancy ka Dusra Mahina | Second Month of Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षण और बदलाव – Symptoms and changes in the second month of pregnancy in Hindi
गर्भ का दूसरा महीना : गर्भावस्था के दूसरे महीने (2 month pregnancy) यानी पांचवे से लेकर आठवें सप्ताह में आपको उन्ही सब उन्ही परेशानियों और अनुभवों से गुजरना पड़ता है जो आपको पहले महीने में होती हैं। परन्तु दूसरे महीने में होने वाली कुछ समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं लेकिन इन परेशानियों से आपको ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है (2 months pregnant: symptoms)।
क्योंकि कुछ समय के बाद आपकी यह परेशांनियाँ काफी हद तक कम हो जायेगी और आप अपने जीवन के इस खास पल का पूरी तरह से आनंद ले पायेंगी। गर्भावस्था के दूसरे महीने में होने वाले स्वास्थ्य परिवर्तन निम्नलिखित हैं :
1. गर्भावस्था के इस महीने में आपके स्तनों के आकर में वृद्धि और भारीपन आने लगेगा। हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण ऐसा होता है
2. कुछ महिलाओं को बहुत थकावट महसूस होती है और उन्हें नींद भी बहुत आती है क्यूंकि उनके शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है
3. बार-बार पेशाब जाना पड़ता है
4. मॉर्निंग सिक्नेस जैसे चक्कर आना, जी मिचलाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं
5. कई महिलाओं को भूख ज्यादा लगती है तो कई महिलाओं की भूख कम हो जाती है
6. पेट में दर्द और योनि से हल्का रक्तस्त्राव हो सकता है पर ऐसा हर महिला के साथ नहीं होता
7. वजन में बदलाव आता है, वजन बढ़ने लगता है
8. मनोदशा में परिवर्तन जैसे चिड़चिड़ापन, तनाव, चिंता, कभी हँसने तो कभी की इक्छा, कभी उदासी इत्यादि
9. किसी बदबू या खुशबू का बहुत जल्दी महसूस होना क्यूंकि इस महीने महिलाओं की नाक अत्यधिक संवेदनशील हो जाती है
10. शारीरिक बदलाव होने के कारण सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है
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गर्भावस्था के दूसरे महीने में शिशु का विकास -Baby development in the second month of pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दूसरे महीने में शिशु का कितना विकास होता है, यह जानना एक माँ के लिए बेहद रोचक होता है। इस महीने शिशु बढ़ने लगता है और साथ ही कई चीजों को महसूस भी करने लगता है। वैसे तो हर माँ अपने गर्भाशय में शिशु में हो रहे बदलावों को महसूस करने लगती है पर गर्भ में भ्रूण के अंग कितने विकसित हो रहे हैं इस बारे किसी को नहीं पता होता। तो आगे जानते है की इस महीने यानि गर्भावस्था के दूसरे महीने में शिशु में क्या-क्या विकास होता है।
1. इस महीने के अंत तक शिशु का आकार एक संतरे के बीज के जितना हो जाता है जो लम्बाई में लगभग 1 इंच और वजन 14 ग्राम तक हो सकता है
2. इस महीने में शिशु की कई कोशिकाओं का निर्माण हो जाता है जिनसे शिशु के अंग बनते हैं
3. इस महीने शिशु के चेहरे के नैन-नक्श बनने लगते हैं
4. इस महीने शिशु के पैरों की उँगलियाँ बननी शुरू हो जाती हैं
5. इस दौरान शिशु का हृदय काम करना शुरू कर देता है और दिमाग भी विकसित होने लगता है
6. इस महीने में शिशु की आंखें, नाक, होंठ, कान आदि भी बनने शुरू हो जाते हैं और शिशु की नाभिनाल बनने लगती है
7. शिशु के दोनों कान बनने लगते है
8. शिशु की आहार नलिका का विकास शुरू हो जाता है
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गर्भावस्था के दूसरे महीने में गर्भवती महिला का आहार – Diet of pregnant woman in second month of pregnancy in Hindi
स्वस्थ आहार और पर्याप्त मात्रा में पानी हर इंसान के लिए जरुरी है। हमरा खान पान हमारे अच्छे या बुरे स्वस्थ के लिए उत्तरदायी होती है इसलिए अगर हमे स्वस्थ रहना है तो हमे स्वस्थ आहार और और सही मात्रा में पानी का सेवन करना होता है। गर्भावस्था के दूसरे महीने में क्या खाएं और क्या न खाएं यह एक महत्वपूर्ण विषय है।
अगर एक आम इंसान के लिए स्वस्थ आहार और पर्याप्त पानी इतना जरुरी है तो आप समझ सकते है की एक गर्भवती महिला के लिए स्वस्थ आहार और पर्याप्त पानी कितना महत्वपूर्ण है। गर्भ में पल रहे शिशु का तीसरे और चौथे महीने में बहुत तेज़ी से विकास होता है इसलिए गर्भावस्था के दूसरे महीने में गर्भवती महिला को खुद को तीसरे और चौथे महीने के लिए तैयार करना पड़ता है।
गर्भवती महिला का खान पान उसके और उसके बच्चे दोनों की सेहत के लिए उत्तरदायी होती होते हैं इसलिए जरुरी है की आप उन सभी चीजों को खाये पिए जो आपके और आपके शिशु के लिए फायदेमंद हो। इसलिए गर्भावस्था के दूसरे महीने में फोलिक एसिड, कैल्शियम, प्रोटीन, वसा, आयरन, फ़ाइबर युक्त आहार को शामिल करें ताकि आपके साथ-साथ गर्भ में पल रहा शिशु भी स्वस्थ रहे।
निम्नलिखित आहार को अपने खान पान में शामिल करें तो आप दोनों स्वस्थ रहेंगे :
1. गर्भावस्था के दिनों में गैस और कब्ज़ की समस्या आम बात है इसलिए ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त भोजन लेने की कोशिश करें
2. आपके शिशु के विकास के लिए आयरन और प्रोटीन युक्त भोजन बहुत जरुरी है इसलिए ऐसे आहार को ले जिसमे भरपूर मात्रा में आयरन और प्रोटीन हो
3. अपने खान पान में कैल्शियम युक्त भोजन भी शामिल करे। दूध युक्त आहार जैसे दही, पनीर जो कैल्शियम का मुख्य स्रोत हैं
4. फोलिक एसिड युक्त भोजन भी आपके शिशु के लिए जरुरी है
5. हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे मेथी, चुकंदर, पालक, ब्रोकली आदि अपने खान पान में शामिल करे
6. अपने आहार में आपको मेवे जैसे बादाम, काजू और अखरोट इत्यादि भी लेना चाहिए
7. दालें, साबुत अनाज, फल, अधिक से अधिक पानी, नारियल पानी, फ्रेश जूस जैसे तरल पदार्थ पीएं
गर्भावस्था के दूसरे महीने में आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आपके पेट में कोई मुलायम सी गांठ है। ऐसा भी देखा गया है कि कई महिलाओं को पहले कुछ महीने में ना तो कोई शारीरिक समस्या होती हैं ना ही कोई मानसिक परिवर्तन आता है। लेकिन कई महिलाएं बहुत अधिक बदलावों और परिवर्तनों से गुजरती हैं। सबके लिए गर्भावस्था का अनुभव अलग-अलग होता है लेकिन यही अनुभव आपको अपने शिशु के और भी करीब ले जाते हैं।
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गर्भावस्था के दूसरे महीने में रखें ये जरूरी सावधानियां – Keep these important precautions in the second month of pregnancy in Hindi
गर्भावस्था का सफर काफी चुनौती भरा समय है। आपको इस समय न केवल अपनी बल्कि अपने होने वाले बच्चे की सेहत को भी ध्यान में रखकर काम करना होता है। इसलिए इस दौरान होने वाले बदलावों से असहज ना हों। दूसरा महीना पूरा होते ही प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही कब बीत जाएगी आपको पता ही नहीं चलेगा। इसके बाद अगले तीन महीने आपके लिए राहत भरे होंगे। इसलिए हौसला बरकरार रखिए। आइए चर्चा करते हैं कुछ उन सावधानियों की जो आपको दूसरे महीने में रखनी हैं।
- इस समय आपको भरी भड़कम सामान नहीं उठाना है
- ज्यादा समय खड़े होने से बचे, अगर आपको किचन में खड़े होकर खाना बनाने की आदत है तो आप एक कुर्सी लेकर बैठकर खाना बनाए पर ज्यादा देर कहीं भी खड़े ना रहे
- नशीले पदार्थों जैसे स्मोकिंग और ड्रिंक से दूर रहें क्यूंकि नशीले पदार्थों का भ्रूण के विकास पर गलत असर पड़ता है
- गर्भावस्था के दौरान ऊँची हील वाली सैंडल या चप्पल ना पहनें
- सूती के ढीले ढाले कपड़े पहनें, तंग कपड़ों से आपको असहजता महसूस होगी
- कोई भी दवा जैसे पेनकिलर्स और एंटीबायोटिक्स, बिना डॉक्टरी सलाह के ना लें, कोई भी समस्या होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वो आपकी स्थति जो समझकर दो दवा देंगे, केवल उन्ही दवाओं का सेवन करें क्यूंकि बहुत सी दवाएं गर्भपात का कारण बन सकती हैं या फिर शिशु के विकास में बाधक हो सकती है।
- खाली पेट कभी ना रहे क्यूंकि इससे जी भी मिचलाएगा और गैस भी बनेगी। दोनों ही बातें आपके लिए ठीक नहीं हैं और ना बहुत ज्यादा पेट भरकर खाएं। भले ही दिन में कई बार खाना पड़े लेकिन जब भी खाएं थोड़ा-थोड़ा खाएं। ऐसी चीजें खाएं तो स्वास्थ्यवर्धक हों, ताजी हों और हल्की हों
- इस समय आपको थकान बहुत महसूस होगी इसलिए आपको ठीक से आराम करने की जरूरत है। पूरी नींद लें इससे आपको कम से कम तनाव होगा
- भागदौड़ और उछाल कूद करने से बचें
- पेट के बल ना लेटे
- शरीर में पानी की कमी ना होने दे, भरपूर मात्रा में पानी पिए ताकि रक्त संचार सही रहे और पूर्व प्रसव का खतरा भी ना हो
- ज्यादा एक्सरसाइज ना करें बस हल्का फुल्का योग करे और योग में कपल भाती गर्भवस्था के दौरान वर्जित है
♦ गर्भावस्था के दौरान शरीर और त्वचा की देखभाल – Body and Skin care during Pregnancy
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गर्भावस्था के पहले तीन महीने किसी भी गर्भवती महिला के लिए बहुत अहम होते हैं। इन दिनों में महिला के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं और साथ ही त्वचा में भी बहुत बदलाव आने लगते हैं। महिला के खाने के स्वाद में फर्क आने लगता हैं।
इन दिनों में ही कुछ महिलाओ को सबसे ज्यादा उल्टी की शिकायत रहती है, महिला का वजन भी घटने लगता है, क्यूंकि इन्ही दिनों में शिशु के अंग बनने शुरू हो जाते हैं। पहली तिमाही में महिला को अपना बहुत धयान रखना चाहिए और पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए। क्योंकि इन्ही दिनों में गर्भपात की शिकायत सबसे ज्यादा होती है।
उम्मीद करती हूँ आपको मेरा आज का यह लेख गर्भावस्था का दूसरा महीना | Pregnancy ka Dusra Mahina पसंद आया होगा। आज का विषय आपको कैसा लगा अपने सुझाव मुझे कमेंट करके जरूर बताएं और साथ ही इसे शेयर करना बिलकुल ना भूलें।