मासिक धर्म से जुड़े मिथक और सच्चाई जो आपको पता होने चाहिये – Menstrual myths and facts you should know

मासिक धर्म से जुड़े मिथक और सच्चाई जो आपको पता होने चाहिये – Menstrual myths and facts you should know आज का लेख आपके लिए काफी रोचक और जानकरी भरा होने वाला है क्यूंकि मैंने अक्सर लोगों को ये कहते सुना है कि बच्चे भगवान की देन होते हैं लेकिन ये बच्चे तो तभी होते हैं जब औरतों को मासिक धर्म (Periods) होते हैं। तो इस तर्क के हिसाब से तो मासिक धर्म भी भगवान की ही देन हुई। 

तो फिर लोग मासिक धर्म में मंदिर जाने से मना क्यों करते हैं? मासिक धर्म में पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए? मासिक धर्म में पेड़ पौधों को छूने से क्यों मना किया जाता है? मासिक धर्म में अचार क्यों नहीं छूना चाहिए? मासिक धर्म में खेल-कूद या व्यायाम क्यों नहीं करना चाहिए? इन सभी क्यों का जवाब मैं आपको आज के इस लेख में देने वाली हूँ तो अगर आप भी इन सभी क्यों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

मासिक धर्म या पीरियड्स से जुड़े मिथक महिलाओं की जिंदगी को कई तरह से प्रभावित करते हैं इसलिए आज हम इनकी सच्चाई तथा पीरियड्स से जुड़ी कुछ भ्रांतियों के बारे में जानने वाले हैं। मासिक धर्म से जुड़े मिथकों की सच्चाई (What Is The Truth Of Myths Related To Period) जानना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है ताकि इन सब भ्रांतियों के कारण इनसे जूझ रही महिलाओं को इससे राहत मिल सके।

आखिर क्यों हम औरतों को भगवान की दी हुई इस प्राकृतिक प्रक्रिया में बहुत से काम करने से मना किया जाता है? ऐसी बहुत सी चीजे करने या ना करने की सलाह दी जाती है जिसका दूर दूर तक सच्चाई से कोई वास्ता नहीं होता।

घर की औरतें इन सब चीजों को करने से मना तो कर देती है लेकिन इनके पीछे के सही कारण को कभी बताती ही नहीं। क्यूंकि उन्हें भी इन मिथकों की सच्चाई नहीं पता, उन्हें भी बस उतना ही पता है जो उनके बड़े-बुज़ुर्गों से उन्हें पता लगी है।

भारत के कई हिस्सों में आज भी मासिक धर्म को अपवित्र माना जाता है। मासिक धर्म के बारे में लोगों के बीच कई तरह के मिथक प्रचलित हैं। मासिक धर्म को लेकर ये मिथक दादी-नानी के जमाने से चले आ रहे हैं। इन्हीं मिथकों की वजह से लोगों के मन में कुछ ऐसी धारणाएं बनी हुई हैं जो पूरी तरह से गलत हैं।

 

मासिक धर्म से जुड़े मिथक और सच्चाई जो आपको पता होने चाहिये – Myths about Periods / Myths about Menstrual Cycle in Hindi

आखिर क्या है मासिक धर्म से जुड़े मिथकों की सच्चाई और पीरियड्स से जुड़े मिथक किस तरह महिलाओं की जिंदगी को प्रभावित करते हैं

महिलाओं में मासिक धर्म (Periods) शरीर में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है जो एक निश्चित अन्तराल के बाद होती है। लेकिन इसके बारे में कई तरह के भ्रम समाज में प्रचलित हैं। मासिक धर्म से जुड़े भारत में कई सारे भम्र और मिथक हैं, जिनका सामना महिलाओं को हर रोज करना पड़ता है। हालांकि, ये सभी रूढ़िवादी भ्रमों और मिथकों के अलावा और कुछ भी नहीं है।

हम सभी को मासिक धर्म के पीछे के विज्ञान को समझना चाहिए। आज हम भारत में मासिक धर्म को लेकर लोगों के मन में होने वाले उन मिथकों के बारे में बात करेंगे, जिसके कारण आज भी कई महिलाएं मानसिक शोषण का शिकार हो रही हैं।

मिथकों (मासिक धर्म से जुड़े मिथ्य और सच्चाई – menstrual taboos and myths in India) के बारे में बात करने से पहले जान लेते है की मासिक धर्म यानि पीरियड्स होते क्या हैं?

क्या होता है मासिक धर्म या मेंस्ट्रुएशन (What is Periods or Menstruation)

हर महिला के शरीर में दो अंडाशय (Ovary) होते है, जो महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होती है। यह गर्भाशय के दोनों तरफ निचले पेट में स्थित होती है। अंडाशय का मुख्य कार्य अंडे, एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन नामक हॉर्मोन्स का उत्पादन करना है।

अंडाशय का आकर (Size) महिलाओं की उम्र के साथ बदलता रहता है। मासिक चक्र के दौरान भी अंडाशय (Ovary) का आकर बदलता है।
हर महीने महिलाओं के दोनों अंडाशयों में से किसी एक अंडाशय में एक अंडा परिपक्व (Mature) होता है और युटरीन ट्यूब यानि गर्भाशय नली के रास्ते निचे यानि गर्भाशय (Uterus) में आने लगता है।

यही अगर इसे शुक्राणु (Sperm) मिल जाता है तो ये निषेचित (Fertilize) हो जाता है। इसी दौरान गर्भाशय गर्भावस्था (Pregnency) की तैयारी में लग जाती है। निषेचित हुए अंडे का स्वागत करने के लिए गर्भाशय मुलायम कोशिकाएं बनाने लगती है, ताकि पूरी गर्भावस्था के दौरान सब कुछ ठीक रहे।

लेकिन जब अंडे को शुक्राणु (Sperm) नहीं मिलता तो यहाँ इन कोशिकाओं की कोई जरुरत नहीं रहती। इसलिए इन कोशिकाओं और वो अंडा जो निषेचित नहीं हुआ, उन्हें शरीर से बहार निकलना पड़ता है। यही है हर महीने होने वाली खून का बहाव (Bleeding), जिसे मासिक धर्म या Periods कहते हैं।

 

मासिक धर्म से जुड़े मिथक और सच्चाई जो आपको पता होने चाहिये – Menstrual myths and facts you should know

1. मासिक धर्म (Periods) का रक्त गन्दा होता है

लोगों का मानना है कि मासिक धर्म के समय जो रक्त स्राव होता है वो गन्दा होता है। उससे कई तरह की बीमारियाँ फैलती है। कुछ लोगों का तो यहाँ तक मानना है की अगर कोई पुरुष महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान उनके साथ सम्भोग करता है तो वो नपुंशक हो जाता है। जबकि ऐसा नहीं है, पर हाँ ये नसों में बहने वाले रक्त से अलग जरूर होता है।

जैसा की मैं पहले ही बता चुकी हूँ की मासिक धर्म के रक्त में मुलायम कोशिकाएं और निषेचित ना हुआ अंडा होता है, इसलिए यह खून अलग जरूर होता है लेकिन ये गन्दा बिलकुल नहीं होता।

मासिक चक्र के दौरान आप सम्भोग (Sex) भी कर सकते है पर बिना सुरक्षा यानि कॉन्डोम के इस्तेमाल के अगर कोई पुरुष मासिक धर्म के दौरान सम्भोग करता है तो उसे संक्रमण (Infection) जरूर हो सकता है, और ये संक्रमण मासिक धर्म के बिना भी मुमकिन है।

 

2. मासिक धर्म (Periods) के दौरान मंदिर नहीं जाना और पूजा पाठ नहीं करना चाहिए

ऐसा माना जाता है की इस दौरान महिलाएं अपवित्र हो जाती है इसलिए उन्हें मंदिर और पूजा पाठ जैसे पवित्र जगहों पर नहीं जाना चाहिए। उन्हें रसोई घर में नहीं जाने दिया था। पुराने ज़माने में जब ना बिजली थी, ना पैड्स, ना साबुन, ना शैम्पू, नहाने के लिए महिलाओं को नदी-तालाबों पर जाना पड़ता था। मासिक चक्र के दौरान पुराने कपड़े इस्तेमाल में लिए जाते थे, जिन्हे बार बार धो कर इस्तेमाल किया जाता था।

पुराने ज़माने के हिसाब से महिलाओं का अपवित्र माना जाना तार्किक था क्यूंकि सामान्य लोग नदी तालाबों के पानी से नहाना, बर्तन थोड़ा जैसे काम किया करते थे, ऐसे में अगर मासिक चक्र की महिलाएं यहाँ नहाती, वो गन्दा कपड़ा धोती तो उनके उस रक्त से नदी तालाबों का पानी दूषित हो जाता।

आज के ज़माने में सैनेटरी पैड्स, बाथरूम, साबुन, शैम्पू, हैंड वॉश जैसी चीजे उपलब्ध हैं जिनसे हम अपनी साफ सफाई का ध्यान रख सकते है। साफ सफाई के लिए आज के ज़माने के हिसाब से उस ज़माने में कुछ नहीं था इसलिए उस वक़्त महिलाओं को एक कमरे में बंद रहकर बस आराम करने की सलाह दी जाती थी, उन्हें कही बाहर नहीं निकलने दिया जाता था, उन्हें अपवित्र माना जाता था।

पर अब ज़माना बदल गया है, महिलाएं अपनी साफ सफाई का ध्यान रखते हुए सारे काम कर सकती है, मंदिर भी जा सकती है और पूजा पाठ भी कर सकती है। पर हाँ पूजा करते समय हम सुख आसान में बैठते है, इस स्थिति में ज्यादा देर बैठने से आपको कमर दर्द और जांघों में दर्द की समस्या हो सकती है, लेकिन आप अगर बीमार महसूस ना कर रही हों तो आप सब कुछ कर सकती है।

 

3. मासिक धर्म (Periods) के दौरान खट्टा, तीखा और मसालेदार भोजन नहीं खाना चाहिए

मासिक धर्म का खाने से कोई लेना-देना नहीं है। बहुत सारी महिलाएं मानती हैं कि पीरियड के दिनों में खट्टा, तीखा और मसालेदार भोजन करने से दर्द की समस्या ज्यादा बढ़ सकती है और रक्त स्राव ज्यादा होता है। जबकि ये सिर्फ एक ग़लतफहमी है। इस तरह की गलतफहमियां निराधार है।

खट्टा, तीखा और मसालेदार भोजन करने से आपके पीरियड पर कोई असर नहीं पड़ता है। मासिक धर्म एक प्राकृतिक चक्र है जिसे हमारा खान – पान प्रभावित नहीं कर सकता।

लेकिन हाँ अगर आप ज्यादा चिंता करेंगे, तनाव में रहेंगे या बीमार रहेंगे, तो इसके दौरान आपके हार्मोन्स में बदलाव आने लगते है और यह बदलाव आपके मस्तिष्क के मासिक चक्र को सामान्य तरीके से करने की प्रक्रिया पर प्रभाव डालता है जिससे आपके मासिक चक्र में देरी हो सकती है।

 

4. मासिक धर्म (Periods) के समय अचार को छूने से अचार खराब हो जाता है

आपने भी अपने घर में दादी, नानी, चाची, मौसी या अपनी माँ को ये कहते सुना ही होगा की जब मासिक चक्र चल रहा हो उन दिनों में अचार की बरनी को मत छूना, नहीं तो अचार खराब हो जाएगा।

दरअसल, पुराने जमाने में महिलाओं के पास मासिक चक्र में साफ सुथरे रहने के साधन मौजूद नहीं थे। वह पुराना कपड़ा, पत्थर, पत्ते जैसी चीजें इस्तेमाल करती थी। उन्हें नहाने की मनाही भी क्यूंकि नहाने के लिए उन्हें नदी तालाबों पे जाना पड़ता था जिससे नदी तालाबों का पानी दूषित होने का डर रहता था, ना नहाने के कारण उनके शरीर से बदबू भी आती थी। बदबू और शरीर साफ ना होने की वजह से अगर वो अचार को छूती तो वो खराब हो जाता था इसलिए उसे छूने की मनाही होती थी।

मगर, आज के दौर में साफ सफाई के सभी साधन मौजूद है। नहाने के लिए बाथरूम, साबुन, शैम्पू, हैंड वाश, सैनेटरी पैड्स इत्यादि सब है। इसलिए अगर आप अचार को छुएंगी भी तो वो ख़राब नहीं होंगे, लेकिन उन्हें छूने के पहले साफ सफाई का ध्यान रखें और हाथ को पूरा सूखा कर ही छुएं क्यूंकि नमी के कारण भी अचार ख़राब हो सकता है।

 

यह भी पढ़ें : मासिक धर्म के दौरान सम्भोग सुरक्षित है या असुरक्षित – Is It Safe to Have Sex During Menstruation

 

5. मासिक धर्म (Periods) का कपडा या पैड लांघने से औरत बाँझ हो जाती है

इस अंधविश्वास में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। ये एक बेतुकी और बेबुनियाद बात है, मगर हाँ अगर आप इस दौरान सही पैड का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करेंगे और साफ सफाई का ख्याल नहीं रखेंगे तो आप सर्वाइकल कैंसर का शिकार जरूर हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, 62% महिलाएं आज भी मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जिसके कारण भारत में गर्भाशय कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं।

 

6. मासिक धर्म (Periods) के दौरान शरीर कमजोर हो जाता है

मासिक धर्म में जो पदार्थ शरीर से बाहर निकलता है उस पदार्थ का शरीर में कोई काम नहीं होता इसलिए वो बाहर निकलता है। जैसे शरीर से मल और मूत्र का निकलना जरुरी है क्यूंकि इनका शरीर में कोई काम नहीं है ठीक वैसे ही मासिक धर्म के दौरान जो पदार्थ शरीर से निकलता है वो कुछ कोशिकाएं और निषेचित ना हुआ अंडा होता है जिसका शरीर में कोई काम नहीं है।

इसके शरीर से बाहर निकलने से शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन उसका निकलना जरुरी होता है। मासिक चक्र और कमजोरी का कोई संबंध नहीं है। अगर आपको कमजोरी महसूस हो रही है, तो इसका कोई अन्य कारण भी हो सकता है। इसके लिए आपको चिकित्षक से परामर्श लेना चाहिए।

 

7. मासिक चक्र (Periods) के दौरान सिर्फ आराम करना चाहिए

मासिक चक्र के दौरान हार्मोन्स के उतार चढाव के कारण पेट, कमर और जांघों में दर्द की समस्या आम है, आप इसके लिए थोड़ा आराम कर सकती है। लेकिन इन दिनों में सिर्फ आराम ही करना चाहिए, ये सही नहीं है। मासिक चक्र के दौरान स्वास्थ्य ठीक रहने पर आप सामान्य दिनों की तरह ही अपने सभी काम कर सकती हैं, चाहे घरेलू काम हो, ऑफिस जाना हो, शॉपिंग करना हो या किसी पार्टी में जाना हो।

ये नियम पहले के ज़माने में इसलिए था क्यूंकि उस समय साफ सफाई के साधन नहीं थे, उन्हें कोई भी काम नहीं करने दिया जाता था बस एक कमरे में बंद रहना होता था। तब उनके पास बस आराम करने के अलावा और कोई काम था ही नहीं। पर आज की महिलाएं तो घर, ऑफिस सबका काम कर सकती है।

 

यह भी पढ़ें :  हाइमन क्या होता है, क्या वर्जिनिटी से इसका कोई सम्बन्ध है – What is Hymen, Virginity Myths and Facts

 

8. मासिक चक्र (Periods) के दौरान सम्भोग (Sex) नहीं करना चाहिए

लोगों का ये मानना है की मासिक चक्र के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए इससे दर्द ज्यादा होता है, पुरुष नपुंशक हो सकता है, इस दौरान सेक्स करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। जबकि इस दौरान सेक्स करने से महिलाओं को दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है। मासिक चक्र के दौरान आप सेक्स कर सकती हैं, लेकिन बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करने से बचें।

क्यूंकि इस समय होने वाली ब्लीडिंग सामान्य ब्लीडिंग से अलग होती है जिससे संक्रमण (Infection) होने की सम्भावना रहती है। इसके अलावा, मासिक चक्र के समय गर्भाशय पतला रहता है, जिससे आसानी से बैक्टीरिया संचारित हो सकता है।

अगर आपने बिना प्रोटेक्शन के सेक्स किया तो चूँकि नया अंडा बन चूका होता है तो गर्भधान का खतरा भी बना रहता है। मासिक चक्र के दौरान योनि और गर्भाशय की स्थिति नाजुक होती है, इसलिए इस दौरान बहुत ही कोमलता के साथ सावधानी पूर्वक सम्बन्ध बनाने चाहिए।

 

9. मासिक चक्र के दौरान सम्बन्ध बनाने से गर्भधारण नहीं होता

ज्यादातर महिलाएं इस बात पर विश्वास करती हैं कि मासिक चक्र के दौरान वो गर्भवती नहीं हो सकती, जबकि ऐसा नहीं है। जिन महिलाओं का मासिक चक्र 28 दिनों से कम का होता है उनमे गर्भधारण का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए ऐसी बातों पर विश्वास ना करें। मासिक चक्र शुरू होते ही दूसरा अंडा बन जाता है इसलिए अगर आपने इस दौरान बिना प्रोटेक्शन के सम्बन्ध बनाए तो गर्भधारण की पूरी सम्भावना है।

मासिक धर्म से जुड़े मिथक और सच्चाई जो आपको पता होने चाहिये - Menstrual myths and facts you should know

10. मासिक चक्र (Periods) के दौरान ज़्यादा भाग दौड़ या व्यायाम नहीं करना चाहिए

मासिक धर्म के दौरान लड़कियों को भागने-दौड़ने, खेलने-कूदने, नृत्य करने तथा व्यायाम आदि करने से मना किया जाता है। ताकि उन्हें दर्द कम हो और शरीर को ज़्यादा आराम मिल सके, जबकि ये सोच बिल्कुल ग़लत है। ज़्यादा आराम करने से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से नहीं हो पाता और दर्द भी अधिक महसूस होता है।

अगर आपको नियमित रूप से व्यायाम, एक्सरसाइज या योग करने की आदत है तो आप मासिक धर्म के समय भी इसे कर सकते है इससे आपके शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारु रूप से होता है जिससे पेट में दर्द और ऐंठन जैसी समस्याएं कम होती हैं।

 

यह भी पढ़ें : शुक्राणुओं का अंडे तक का सफर – एक नए जीवन की शुरुआत (Journey of Sperms to Egg – Start of A New Life)

 

11. मासिक चक्र (Periods) हमेशा 28 दिनों पर ही आना चाहिए

हर महिला माँ मासिक चक्र अलग-अलग हो सकता है। यह प्रत्येक महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसलिए यह मानना कि मासिक चक्र केवल 28 दिनों पर ही आना चाहिए, सरासर गलत है। जबकि सच्चाई यह है कि मासिक चक्र 20 दिनों से लेकर 35 दिनों के भीतर हो सकता है।

कई बार बहुत ज्यादा तनाव में होने पर या लंबे समय तक बीमार रहने पर भी मासिक धर्म में देरी हो सकती है। सामान्य मासिक चक्र 28 दिनों से 34 दिनों का होता है, इसके पहले या बाद में होने वाले मासिक चक्र असामान्य कहलाते है।

 

12. मासिक धर्म (Periods) केवल महिलाओं को होते है

ऐसा नहीं है कि मासिक धर्म केवल महिलाओं को ही आते हैं बल्कि कुछ ट्रांसजेंडर पुरुषों को भी मासिक धर्म हो सकते हैं। लेकिन ट्रांसजेंडर महिलाओं को मासिक धर्म नहीं होते हैं। इसलिए यह कहना गलत है कि केवल महिलाओं को ही मासिक धर्म होते हैं।

 

13. मासिक धर्म (Periods) शर्मनाक होते हैं

मासिक चक्र को लोग हीन भावना से देखते है। लोगों को ये समझना जरुरी है की मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसमें शर्मिंदगी महसूस करने वाली कोई बात नहीं है बल्कि महिलाओं को तो खुद पर गर्व होना चाहिए की उनके अंदर वो ताकत है जिससे वो किसी नए जिव को जन्म दे सकती है। आप और हम मिलकर इस भावना को बदलने का प्रयास कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें सामान्य प्रसव के बाद टांके क्यों लगाए जाते हैं – Why Stitches Are Used After Normal Delivery

गर्भावस्था में दवाओं से बचने के लिए क्यों कहते है डॉक्टर्स – Why do Doctors ask to Avoid Medicines During Pregnancy

गर्भावस्था के दौरान शरीर में क्या-क्या होता है – What happens in the body During pregnancy

 

मासिक धर्म के दौरान हर महिला की ज़रूरत और तकलीफ अलग-अलग होती है जैसे कि सामान्य रूप में हर इंसान की पसंद नापसंद अलग होती है बिल्कुल वैसे ही। मासिक चक्र एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है कोई रॉकेट साइंस नहीं जिसे समझना मुश्किल हो। इसे समझें और इस घड़ी में महिलाओं का साथ निभाएं। 

 

उम्मीद करती हूँ आपको आज के मेरे इस विषय मासिक धर्म से जुड़े मिथक और सच्चाई जो आपको पता होने चाहिये – Menstrual myths and facts you should know में काफी कुछ सिखने और समझने को मिला होगा। मेरा यह प्रयास आपको कैसा लगा अपने कमेंट द्वारा जरूर बताएं और पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें। 

पीरियड के कितने बाद सेक्स करने से प्रेग्नेंट हो सकते हैं, पीरियड में क्या नहीं करना चाहिए, पीरियड ज्यादा आने का कारण क्या होता है और क्या पीरियड में संबंध बनाना चाहिए, इस सब सवालों के जवाब के लिए आप मासिक धर्म के दौरान सम्भोग सुरक्षित है या असुरक्षित – Is It Safe to Have Sex During Menstruation जरूर पढ़ें।

Share This Post:

My self Namrata Maurya. I’m an Author and Founder of Youthinfohindi.com. I’m from Pune and If I talk about my Education then I’m B.com Graduate and complete my MBA (Finance & Accounts). I love to share my experience and knowledge to others, that’s why I’m here.

Leave a Comment