7 Month Pregnancy In Hindi – Pregnancy का सातवां महीना (7 month pregnant) मतलब गर्भावस्था की तीसरी तिमाही की शुरुआत: गर्भावस्था के सातवें महीने से प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही की शुरुआत हो जाती है। इस महीने तक शिशु का काफी विकास हो चुका है और अब आप अपने बच्चे की movement को महसूस कर सकती हैं। आज का हमारा विषय है 7 Month Pregnancy In Hindi – गर्भावस्था का सातवां महीना : लक्षण, शारीरिक परिवर्तन, शिशु का विकास, पौष्टिक आहार तथा सावधानियाँ, तो आइये जानते हैं।
गर्भावस्था का सातवां महीना (pregnancy ka 7 mahina) यानी तीसरी तिमाही में गर्भवती को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। दरअसल इस अवधि में आकर कई सारी तरह की दिक्कतें आने लगती हैं और कई बार तो इन दिक्कतों की वजह से कुछ महिलाओं की प्रीमेच्योर डिलीवरी (premature delivery in 7 month) भी हो जाती है।
वैसे तो गर्भावस्था के शुरुआत से ले कर आखिरी महीने तक गर्भवती महिला को बहुत ध्यान देने की जरुरत होती है। जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है, ध्यान देने की जरूरत भी उतनी ही बढ़ती जाती है।
स्वास्थ्य सम्बन्धी जटिलताओं की वजह से कई बार प्रसव आखिरी तिमाही में भी कराया जा सकता है इसलिए आप अपनी और अपने शिशु की देखभाल में कोई कसर न छोड़ें। इस महीने में आपके पेट के बढ़ने से आपका चलना-फिरना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। जैसे-जैसे बच्चे का विकास होगा वैसे-वैसे वह आपके पेट में ज्यादा जगह घेरेगा और आपकी असहजता बढ़ेगी।
हालांकि, मां बनने की खुशी आपकी अधिकतर परेशानियों को भुलाने में मदद करेगी। अब आपको अपने शिशु को अपनी बाँहों में लेने और उसे देखने के लिए ज्यादा इंतज़ार नहीं करना है। इस महीने कई लोग गोद भराई जैसी रसम करते है। अगर आप संयुक्त परिवार में है तो सबसे आपको बहुत लाढ प्यार मिलेगा।
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7 Month Pregnancy In Hindi | Pregnancy का सातवां महीना
गर्भावस्था के 7 महीने के परिवर्तन (7th month of pregnancy in hindi) : इस महीने होने वाली मायें बहुत उत्साहित होती है। इस उत्साह के साथ साथ आपको इस महीने बहुत सतर्कता की जरुरत भी है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे की गर्भावस्था के सातवें महीने में आपके अंदर क्या क्या बदलाव और लक्षण दिखेंगे, आपको क्या आहार लेना चाहिए, क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए तथा आपके शिशु का विकास कितना होता है।
गर्भावस्था के सातवें महीने में दिखने वाले लक्षण और बदलाव – Symptoms and changes seen in the seventh month of pregnancy
1. पिछले ब्लॉग में मैंने आपको बता दिया था की प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है लेकिन इस महीने में आपका पेट पूरी तरह से बाहर निकल जाता है और ज्यादा दिखने लगता है। पेट का भारीपन आपके पैरों और मूत्राशय पर ज्यादा दवाब डालता है जिसकी वजह से आपको पैरों में सूजन और चलने-फिरने में तकलीफ हो सकती है।
2. हार्मोन्स के असंतुलन के कारण आपके स्वभाव में कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं जैसे कभी आप बहुत खुश हो जाएँगी, कभी रोने का दिल करेगा, कभी कुछ खाने का, कभी भूख ही नहीं लगेगी, कभी गुस्सा, कभी चिड़चिड़ापन इत्यादि।
3. पहले के मुकाबले आपके स्तनों का आकार बढ़ जाता है, निप्पल के आसपास का रंग और गहरा हो सकता है। साथ ही स्तनों से गाढ़े पिले रंग के द्रव (कोलोस्ट्रम) का रिसाव हो सकता है। ऐसा सब के साथ नहीं होता अगर किसी के साथ ऐसा ना हो तो घबराएं नहीं।
4. गर्भ में लगातार शिशु के बढ़ने और आपके वज़न के बढ़ने के कारण आपकी पीठ में दर्द हो सकता है, आपको चलने में भी मुश्किल हो सकती है। गर्भाशय बढ़ने के कारण पेट पर खिंचाव के निशान ज्यादा दिखने लगते है।
5. गर्भावस्था में योनि स्राव होना एक आम बात है, ये स्राव किसी भी तरह के संक्रमण को गर्भाशय तक पहुंचने से रोकता है। समय के साथ-साथ शिशु का सिर बड़ा होता जाता है तथा श्रोणि भाग पर दबाव डालता है, जिस कारण योनि से रिसाव होता रहता है। वैसे तो ये सामान्य है पर अगर इससे बदबू आये तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
6. जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ेगा वैसे-वैसे आपको ब्रेक्सटन हिक्स महसूस हो सकते हैं। यह हल्के-हल्के संकुचन होते हैं जो 30 सेकंड से एक मिनट तक रह सकते हैं। ब्रेक्सटन हिक्स को “फाल्स लेबर” भी कहा जाता है। जितना बड़ा आपका गर्भाशय होता जाता है, उतना अधिक आप कसाव होने पर इसकी अनुभूति कर सकती हैं।
7. गर्भाशय पर दबाब पड़ने से आपको बार बार पेशाब जाना पड़ सकता है। इस महीने से ऐसा ज्यादा होने लगेगा क्युकी आपके गर्भाशय का आकर पहले से काफी बढ़ चूका है और आगे अभी और बढ़ेगा।
8. कब्ज़ और अपच की समस्या इस महीने और अधिक हो सकती है क्यूंकि हार्मोनल बदलाव, गर्भाशय के आकार के बढ़ने और कुछ तो दवाइयों के सेवन की अधिकता के कारण पाचन तंत्र कमज़ोर हो जाता है तथा मलाशय पे भार बढ़ जाता है।
इसके अलावा आपको दिन में बहुत नींद आएगी लेकिन रात में नींद आने में मुश्किल हो सकती है। आपको कमज़ोरी और थकान महसूस होगी। स्तनों को छूने पर आप दर्द और संवेदनशीलता महसूस करेंगी। आपको गर्मी महसूस होगी तथा साँस लेने में तकलीफ होगी।
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गर्भावस्था के सातवें महीने में गर्भवती महिला का आहार – Diet of pregnant woman in seventh month of pregnancy
गर्भावस्था के सातवें महीने में पौष्टिक आहार (7 month pregnancy) : सातवां महीना (garbhavastha ka satva mahina) आपकी गर्भावस्था की आखिरी तिमाही का पहला महीना है, इसलिएके सातवें महीने में आपको अपने खाने-पीने पर बहुत ध्यान देने की जरुरत होती है।
इसलिए आप संतुलित व पौष्टिक पदार्थ खाएं, ताकि आपको और शिशु को भरपूर पोषण मिल सके। आप चाहें तो 7 मंथ प्रेगनेंसी डाइट चार्ट / गर्भावस्था आहार प्लान तैयार कर लें। गर्भावस्था के सातवें महीने में आपको निम्नलिखित आहार लेने चाहिए:
1. खून की कमी से बचने के लिए आयरन युक्त भोजन करें जैसी चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जिया, अनार, सेब, पालक, ब्रोकोली, सुखी किशमिश इत्यादि
2. गर्भावस्था में बच्चे के विकास के लिए कैल्शियम जरूरी है, खासतौर से तीसरी तिमाही में। इसलिए आप कैल्शियम युक्त आहार जैसे दूध और दूध से बने उत्पाद – दही, पनीर के साथ-साथ कीवी, खजूर आदि का सेवन करें
3. फोलिक एसिड, मैग्नीशियम और फैटी एसिड युक्त भोजन लें इससे आपके पैरों में होने वाली ऐंठन से राहत मिलेगी तथा आपके शिशु के दिमागी विकास में भी मदद मिलेगी। इसके लिए आप पालक, सलाद पत्ता, ब्रोकली, बीन्स, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, साबुत अनाज, सी फूड, अंडा, मटर, सोयाबीन, मछली, केला, अंजीर, पीनट बटर, चिया के बीज, अखरोट, अलसी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स इत्यादि का उपयोग कर सकते है।
4. फाइबर और विटामिन सी से भरपूर भोजन आपको कब्ज़ और गैस को दूर करने तथा आयरन को ठीक से अवशोषित करने में मदद करता है। साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, पिस्ता, अनार, सेब, पालक, संतरा, रेशे वाली सब्जियां, मौसमी, ओटमील इत्यादि इसमें काफी फायदेमंद है।
5. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं इससे आप हमेशा हाइड्रेटिड रहेंगी और साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले अधिक मोटापे से बचेंगी। आपके शरीर में कभी पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। इससे डेलिवरी के समय परेशानी भी कम होती है।
गर्भावस्था के सातवें महीने में शिशु का विकास – Baby development in the seventh month of pregnancy
Pregnancy के सातवें महीने में इतना होता है शिशु का विकास : अगर आप जानना चाहती हैं की सातवे महीने में आपके शिशु का कितना विकास (7 month pregnancy baby weight in kg in hindi) हुआ है तो आपको बता दें की सातवें महीने तक बच्चे के शरीर के लगभग 75% भाग विकसित हो जाते है।
इस महीने के अंत तक शिशु लगभग 12 से 15 इंच लम्बा तथा वज़न में 800 -1000 ग्राम तथा इससे ज्यादा भी हो सकता है। शिशु इस समय ध्वनि, संगीत या गंध के प्रति ज्यादा संवेदनशील होता है। वह बहार की आवाज़ और प्रकाश पर प्रतिक्रिया कर सकता है।
आप अपने शिशु से बात कर सकती है। वो आपकी बात सुनकर पेट में लात जरूर मार सकता है। शिशु जम्हाई और अंगराई लेने लगता है। उसकी पलकें और भौहें बन जाती है। वो अपनी आँखें खोल या बंद कर सकता है। उसके मस्तिष्क तथा फेफड़ों का विकास अभी हो रहा होता है। वो अब अपना अंगूठा चूस सकता है।
आपके गर्भाशय के बढ़ने से आपके गर्भ में अब कम जगह रह जाती है जिससे आपका शिशु पूरी तरह से घूम नहीं पता है। उसका सिर निचे की तरह आ जाता है और वो इस अवस्था में तब तक रहता है जबतक उसका जन्म ना हो जाये।
गर्भावस्था के सातवें महीने में बरतें कुछ सावधानियाँ – Take some precautions in the seventh month of pregnancy
7 months Pregnency baby weight and development : गर्भावस्था के सातवें महीने में किसी भी शारीरिक परेशानी को नज़रअंदाज़ न करें। इस समय रक्तस्त्राव होना, पेट में हल्का दर्द होना, उल्टियां आदि होना आम है लेकिन ये अगर जरुरत से ज्यादा हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें क्योंकि इससे आपको और आपके शिशु को कोई क्षति हो सकती है।
इस दौरान, आपको अपनी दैनिक क्रियाओं में सतर्कता बरतनी होगी। अपने सही खान-पान पे ध्यान दें, नियमित रूप से सैर करें इससे आपको प्रसव के दौरान आसानी होगी, अपने चिकित्सक से नियमित रूप से जांच कराते रहे, गर्भावस्था में आप जो कुछ भी खाती हैं, केवल उतना ही आपके लिए और शिशु के लिए काफी नहीं है।
शिशु के ठीक ढंग से विकास होने के लिए अपने चिकित्सक द्वारा बताये हुए सप्लीमेंट्स जरूर लेते रहे। आपकी डिलीवरी का समय जितना नजदीक आता जाता है आपकी घबराहट उतनी ही बढ़ सकती है।
होने वाली मायें – क्या होगा, कैसे होगा, सब ठीक होगा या नहीं ये सब सोचती रहती है। इसलिए, ज्यादा न सोचते हुए खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें। आप चाहें, तो अपनी पसंदीदा किताब पढ़ सकती हैं या पसंदीदा संगीत सुन सकती हैं या कोई पसंदीदा काम करते रहे।
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आज के ब्लॉग में हमने प्रेगनेंसी का सातवां महीना के बारे में चर्चा की और जाना की 7 Month Pregnancy In Hindi – गर्भावस्था का सातवां महीना : लक्षण, शारीरिक परिवर्तन, शिशु का विकास, पौष्टिक आहार तथा सावधानियाँ क्या क्या होती हैं। उम्मीद करती हूँ आपको आज का मेरा यह लेख पसंद आया होगा। आज की पोस्ट से जुड़े सवालों और सुझावों के लिए आप मुझे कमेंट कर सकते हैं। आज की पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर भी जरूर करें।