ख़ुशी क्या है – ख़ुशी और खुशहाली का असली मतलब क्या है | What is the True Meaning of Happiness

ख़ुशी क्या है | ख़ुशी और खुशहाली का असली मतलब क्या है | What is the True Meaning of Happiness – ख़ुशी यानि की Happiness, यह एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही मन में सकारात्मकता (Positivness) का संचार शुरू हो जाता है। जब इंसान खुश होता है तो हर काम को मन लगा कर करता है।

ऐसा कहना गलत नहीं होगा की अगर जीवन (Life) में किसी भी काम को सही तरीके से करना है तो वो बिना खुशी (Happiness) के नहीं हो सकता। जब हम खुश होते है तो किसी काम को करने में मन भी लगता है और वो काम अच्छे से हो भी जाता है। 

खुश रहने वाले लोग ज्यादा और जल्दी सफलता प्राप्त करते हैं। शादी, दोस्ती, आय, काम का प्रदर्शन और स्वास्थ्य सहित कई जीवन क्षेत्रों में खुश लोग अधिक सफल होते हैं। इन सभी क्षेत्रों में ख़ुशी (Happiness) को एक खास और जरूरी पहलू माना जा सकता है।

खुशी को एक तरह से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। अलग अलग लोगो के लिए ख़ुशी की अपनी अलग-अलग परिभाषा है, किसी को उनकी मर्जी के काम करने में ख़ुशी मिलती है तो किसी को घूमने फिरने में। यदि आपको आपके जीवन में वो सब कुछ मिल जाये जो आप चाहते है तो आपके लिए वही आपकी ख़ुशी है।

आज के इस ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे की ख़ुशी क्या है (khushi ka arth) खुश कैसे रहा जाये, ऐसा क्या क्या करें जिससे हम अपने जीवन में ख़ुशी पा सकते है। तो आइये जानते है ख़ुशी पाने के कुछ पहलुओं के बारे में, जिसमे हम जानेंगे की ख़ुशी का मतलब क्या है और खुशी की तलाश क्या है (the pursuit of happiness meaning in hindi).

 

ख़ुशी क्या है – ख़ुशी और खुशहाली का असली मतलब क्या है | What is the True Meaning of Happiness

खुश कैसे रहें? खुशहाली क्या होती है? आप जीवन में वाकई अच्छा कब महसूस करते है?

दोस्तों जब आप खुश होते है तो आप बहुत अच्छा महसूस करते है। चाहे आप बीमार ही क्यों ना हो लेकिन चूँकि आप खुश है तो आप अच्छा महसूस करेंगे। तो मूल रूप से खुशहाली का असली मतलब है एक तरह का आनंद और जीवन का उल्लास।

 

ख़ुशी क्या है – What is Happiness (khushi ka matlab kya hai)

देखा जाये तो सही मायने में जीवन के स्तर पर ख़ुशी का मतलब है आपकी जीवन की ऊर्जाएं सामान्य स्थिति की तुलना में ज्यादा उल्लास्ति है।
ख़ुशी का वर्णन करने के कई तरीके है लेकिन जो सचमुच ख़ुशी को जानते है केवल उन्हें ही पता है की खुश होने का असली मतलब क्या है। ऐसा कोई नहीं है जो कभी खुश ना हुआ हो, हर कोई कभी ना कभी खुश हुआ है बस समस्या ये है की वो उसे कायम नहीं रख पाते।

तो आइये जानते है कुछ सरल तरीकों के बारे में जिन्हे अपना कर आप अपने इरादों को बिना मंद पड़े पूरा कर सकते है और अपने जीवन को खुशनुमा बना सकते है।

1. आप कितने खुश है, हर दिन अपने जीवन की जाँच कीजिये बहुत से लोग जो बिज़नेस करते है वो सोचते है की वो लेन देन का हिसाब सिर्फ आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) के लिए रखते है जबकि ऐसा नहीं है। लेन देन का हिसाब रखे बिना आपको पता ही नहीं चलेगा की आपको फायदा हुआ या नुकसान।

हिसाब किताब रखने के पीछे बस एक यही सोच है। आप आगे बढ़ रहे है या पीछे जा रहे है ये जानने के लिए आपको एक बही खाते (Account Book) की जरुरत पड़ती है। अगर आप हर दिन बही खाते (Account Book) की जाँच करते है तो आप आज की तुलना में कल बेहतर करने की कोशिश करेंगे।

अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपको कई समस्या हो सकती है। जब समस्या काफी बड़ी हो जाएगी तब अगर आप ये सब देखना शुरू करेंगे तो आपको लगेगा की अब तो बहुत नुकसान हो गया। ठीक इसी तरह हर दिन हर महीने अपनी ख़ुशी का हिसाब रखिये की मैं पहले से ज्यादा खुश हूँ या कम।

आप कितने खुश है और अपने आस पास के लोगों को कितना खुश रखते है इसका लेखा जोखा आप रख सकते है। लेकिन आजकल तो लोग बस पैसों का लेखा जोखा रखते है जैसे की वो उसे अपने साथ ले जायेंगे, जबकि जीवन की असली संपत्ति तो ये है की आप कितने खुश और आनंदित है।

आपके जीवन का अनुभव कितना खूबसूरत है। ख़ुशी अपने आप में कोई लक्ष्य नहीं है लेकिन ये जीवन के लिए जरुरी माहौल है। अगर आप ये माहौल नहीं बनाएंगे तो आपके आस पास जो कुछ भी है सब बेकार चला जाएगा।

2. याद रखिये जीवन बहुत छोटा है आज रात में सोने जाने वाले लोगों में से लाखों लोग कल नहीं उठेंगे, और अगर मैं और आप कल उठ जाएं तो क्या ये एक अद्भुत बात नहीं है? आप में से ज्यादातर लोग इससे सहमत नहीं होंगे क्युकी ज्यादातर लोग इस विचार से जी रहे है की वो अमर है। अमर कहने से मेरा मतलब है की आप वाकई ऐसा नहीं सोच रहे की आप अमर है लेकिन आप अपनी नस्वरता के प्रति जाकरूक नहीं है।

अगर हमसब सच में जागरूक होते तो क्या हमारे पास किसी की शिकायत करने का, किसी से लड़ने का, या कोई बेकार बात करने का समय होता? अगर हम सच में जागरूक होते की हम नस्वर है तो सिर्फ वही चीजे करते जो हमारे और हमारे आस पास वालों के लिए जरुरी है।

ऐसा मत सोचिये की मृत्यु जीवन की एक नकारात्मक चीज है बल्कि यही एक चीज आपके जीवन को मूल्यवान बनाती है। अगर हम सबको बस यही एक चीज को लेकर जागरूकता हो जाएं की हम नस्वर है तो फिर कोई चीज हमे डरा नहीं पायेगी।

हमे ये सोचने की जरुरत नहीं है की हम आज नहीं तो कल मर ही जायेंगे, हर कोई जितना हो सकते उतना लम्बा जीना चाहता है। बस हमे इतना याद रखना है की एक दिन सबको मरना है। हर दिन हर पल खुद को याद दिलाते रहें की ये ज़िन्दगी बहुत छोटी है, मैं नस्वर हूँ, एक दिन मेरा अंत निश्चित है। बस आप ऐसा कुछ दिन करके देखिये आप खुद को निडर पाएंगे। मरने से मत डरिये हर हाल में निडर और खुश होकर जीना सीखिए।

3. अपनी ख़ुशी की बागडोर खुद संभालें योग की सबसे पहली शिक्षा यही है। इसमें ये बताया गया है की आपका जीवन और आपके जीवन का अनुभव पूरी तरह से आप पर ही निर्भर है। आपको अगर यह बात आपके मन की गहराई तक समझ नहीं आती तो आप अपने जीवन में जरुरी बदलाव नहीं कर पाते।

अगर आपके सामने कोई किसी के साथ गलत कर रहा है और आप उसे ठीक कर सकते है पर आप ये सोचने लगे की इसके साथ गलत होने दो, कल इसने मेरे साथ भी गलत किया था, इसके साथ ऐसा ही होना चाहिए। तो यकीन मानिये आप अपने जीवन में कोई अच्छे बदलाव नहीं कर पाएंगे।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की किसने आपने साथ क्या किया। गलत को देखकर अगर आपको उसे सही करने की इक्छा हो रही है तो ये अनुभव आपके जीवन में खुद के द्वारा बनाया हुआ है, उसे कीजिये बिना ये सोचे की उसने आपके साथ क्या किया है, ये आपका कर्म है।

कर्म कोई ऐसी चीज नहीं है जो कही से आपके ऊपर आके गिर जाये। कर्म का मतलब है आपकी करनी, जो आप करते है, जो आप बनाते है। इसलिए अच्छे कर्म करते रहिये, दूसरे कुछ भी करें आप अपनी ख़ुशी के लिए इसे कीजिये।

4. सोने से पहले हर चीज का त्याग कर दें जब भी आप रात को सोने जाये तो आपका सब कुछ जो आपको लगता है की वो मेरा है उन सब को अपने दिमाग के किसी एक कोने में समेट कर एक ओर रख दीजिये। यह है की,  आपको लगता है की आपका घर, आपके पति/ पत्नी, बच्चे, पैसे, कपडे, गहने यहाँ तक की आपका शरीर भी आपका है।

पर अगर सच का सामना करने की ताकत आपमें है तो आपको ये समझना होगा की ये सब कुछ आपका नहीं है, ये सब यही रह जाने है क्यूंकि ये सब नस्वर है। इसलिए इनका मोह व्यर्थ है। इन सबका मोह छोड़ दीजिये आप अपने आप को हल्का और खुश महसूस करेंगे।

khushi ka matlab kya hai

5. हर दिन में 5 मिनट किसी अनजान चीज या व्यक्ति को दें हर इंसान के लिए प्रेम क्यों जरुरी है? हर इंसान लगातार अपनी मौजूदा स्थिति से कुछ ज्यादा बनना चाहता है।आप किसी चीज को खुद में समां कर अपना हिस्सा बना लेना चाहते है, अगर भावनाओं के माध्यम से ऐसी कोशिश करते है तो इसे प्रेम सम्बन्ध समझा जाता है।

आप भावनाओं के इस्तेमाल से किसी ऐसे व्यक्ति को अपना हिस्सा बनाना चाहते है जो आपका हिस्सा नहीं है, ये प्रेम सम्बन्ध है। अगर आप जागरूक होकर ऐसा करेंगे तो इसे योग कहा जाता है। आप दिन केवल 5 मिनट किसी ऐसी चीज के साथ बैठिये जिसका आपके जीवन में कोई मायने नहीं है जैसे कोई पेड़, कोई जानवर, फूल, फल, पक्षी, पत्थर या कीड़े।

कुछ समय बाद आप पाएंगे की आप उसे उतने ही प्रेम से देख सकते है, उसे उतना ही प्रेम कर सकते हैं, जितने प्रेम से आप अपनी पत्नी, पति, माता, पिता, बच्चे या अपने पालतू कुत्ते को देखते है। अगर आप हर चीज को प्रेम से देख पाएं तो पूरी दुनिया आपको बेहद ख़ूबसूरत चीज लगने लगेगी। आपको एहसास होगा की प्रेम कोई ऐसी चीज नहीं है जो आप करते है ये तो आपके इस दुनिया में होने का सबूत है।

 

उपरोक्त लिखी बातों को अगर आप अपने जीवन में ढालते हैं तो आपको सच में ख़ुशी का असली मतलब समझ में आ जाएगा। आपको समझ आएगा की ख़ुशी (khushi meaning in hindi) और खुशहाली का असली मतलब क्या है (happiness meaning in hindi), खुश कैसे रहा जाये, सच्ची ख़ुशी क्या है (what is happiness) और ख़ुशी की तलाश कब ख़त्म होती है (the pursuit of happiness meaning in hindi).

 

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