दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है | सही तरीके से दिवाली कैसे मनाये | महत्व | मुहूर्त

Diwali 2022 Date : दीपावली (Diwali) का त्योहार हमारे देश के लोगों के जीवन में काफी महत्व रखता है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करतें हैं और धन धान्य की देवी माता लक्ष्मी और गौरी पुत्र भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसलिए दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है | सही तरीके से दिवाली कैसे मनाये, दिवाली क्यों और कैसे मनाते है, इन सबके बारे में जानना भी जरुरी है।

दीपावली का त्योहार हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। या सबसे बड़ा और सबसे आकर्षक पर्व है। दिवाली रोशनी (Festival of lights) और खुशियों का त्योहार है इसलिए इस त्योहार को बच्चे, बूढ़े, बड़े सब मिलकर मनाते हैं। इस बार दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को है। बच्चे, बड़े-बूढ़े सभी को इस त्यौहार का काफी बेसब्री से इंतज़ार रहता है। 

दीपावली का त्यौहार दशहरा के 20 दिन बाद मनाया जाता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है। ऐसा माना जाता है की भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण का वध करने के 20 दिन बाद अपने घर अयोध्या वापस लौटे थे। इसलिए दीपावली का त्यौहार दशहरा के 20 दिन बाद मनाया जाता है।

इसके साथ यह भी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पधारती हैं और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी और गौरी पुत्र गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में दीपावली को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना जाता है।

दीपावली के उपलक्ष में बाज़ारों में बहुत धूम होती है, दुकनों पर भिन्न भिन्न प्रकार की मिठाइयां बिकने लहटी हिअ। लोग घरों में भी विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाते हैं। घरों में रंग रोगन का काम किया जाता है। लोग नए नए कपड़ें पहनते हैं और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को तोफे भेंट करते हैं। घरों में रंगोलियां बनाई जाती हैं। दिवाली की रात अमावस्या की रात होती है इसलिए इस रात को सभी लोग अपने घर और घर के बाहर दिप जलाते हैं, कई तरह की सजावट करते हैं और lights लगाते हैं।

दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे विनम्रता से मनाया जाता है लेकिन आज कल सभी लोग इस दिन को बहुत ही गलत तरीके से मनाते हैं और हर तरफ गन्दगी फैलाते हैं जिससे हमारे वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है। इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम ये जानेंगे की दिपावली को अच्छे और सही तरीके से कैसे मनाये – Diwali kaise manaye (How to celebrate Diwali in Hindi). पहले ये जान लेते हैं की दीपावली क्या है और दीपावली क्यों मनाते हैं?

दीपावली क्या है और दीपावली क्यों मनाते हैं? Diwali Kyu Manate Hai in Hindi

दीपावली शब्द का अर्थ :- दीपावली शब्द दो शब्दो से मिलकर बना है पहला दीप और दूसरा आवली जिसमे दीप का अर्थ दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रंखला यानी दीपकों की श्रंखला।

दीपावली (Diwali) मुख्य रूप से हिन्दुओं का त्यौहार है जिसे संपूर्ण भारत में कार्तिक मास की अमावस्या को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सनातन धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है जो श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। हिंदुओ के साथ जैन, सिख और बौद्ध भी इस त्योहार को मनाते है। इस साल दीवाली 24 अक्टूबर 2022 को सोमवार के दिन है।

दीपावली का त्योहार हमारे जीवन में अन्धकार पर प्रकाश की विजय और अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है। इस दिन हम अपने घरों को सजाते है और साथ में आतिशबाजी और दिए जलाकर खुशियां बांटते है। कुछ लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को उपहार भी देते है और दावत पर बुलाते है या फिर उनके घर मिठाई देकर आते है।

दीपावली के दिन बहुत सारे देशों में राष्ट्रीय अवकाश होता है जिनमें भारत, नेपाल, श्री लंका, म्यांमार, मॉरिशस, गुयाना, त्रिनिदाद, टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है।

हिंदू दिवाली क्यों मनाते हैं? इसके पीछे कई कहानियां है :

1. हिंदू ग्रंथ रामायण के अनुसार जब श्री राम लंकापति रावण को मार कर अपने वनवास से कार्तिक मास की अमावस्या के दिन वापस आए थे तो उनके आने की खुशी में पूरे अयोध्या में दीप जलाए गए थे। तभी से यह त्यौहार हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। संपूर्ण भारतवर्ष अपने आप को श्री राम का वंशज मानता है इसलिए सभी लोग इस त्योहार को मनाते है।

2. कहा जाता है कि समुंद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की अमावस्या के दिन महा देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ इसी कारण इस दिन उनका जन्मदिन मनाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।

3. भगवान विष्णु का पांचवां अवतार जिसे हम वामन अवतार के नाम से भी जानते है उन्होंने इसी दिन माता लक्ष्मी को पाताल के राजा बलि की गिरफ्त से बचाया था।

4. जब राक्षस राजा नरकासुर ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया और सभी उसके अत्याचारों से दुखी हो गए तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया और उसकी कैद से 16000 महिलाओं को आजाद करवाया लेकिन जब महिलाओं ने निवेदन किया की उनसे कोई विवाह नही करेगा तब भगवान श्री कृष्ण ने उनसे विवाह किया जिसके कारण 2 दिन तक उल्लास मनाया जाता है जिसमे एक दिन दिवाली का और दूसरा दिन नरक चतुर्दशी का मनाया जाता है।

5. महाभारत के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही पांडवों का हस्तिनापुर में 12 वर्ष के वनवास के बाद वापसी हुई थी।

6. विक्रम संवत के जनक राजा विक्रमादित्य का राजतिलक भी कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही किया गया।

सही तरीके से दिवाली कैसे मनाये

दिवाली सही तरीके से कैसे मनाये?

How To Celebrate Deepawali In Hindi – दिवाली कैसे मनाये

अब आपको पता चल गया की दीपावली क्यों मनाया जाता है। चलिए अब चलिए जानते हैं की दिवाली कैसे मनाये। वैसे तो सभी जानते हैं की दिवाली कैसे मनाते है पर दीपवाली के इस त्यौहार में कुछ खास देखभाल और साफ सफाई की जरुरत पड़ती है जिसके बारे में मैं आपको आज के इस लेख में आगे बताने वाली हूँ जिससे की आप खुशहाल और सुरक्षित दीपावली का आनंद उठा सकें।

1. दीपावली की रात अमावस्या की रात होती है। सबका मानना है की इस दिन लक्ष्मी माता हमारे घर में विराजमान होती हैं। तो सबसे पहली बात आती है घर की साफ़ सफाई की। ऐसी धारणा है की जिस घर में गन्दगी रहती है वहां लक्ष्मी माता नहीं आती। इसलिए दीपावली पर अपने घर को बिलकुल साफ़ सुथरा बनाना हमारा पहला काम होता है।

यही कारण है की लोग इस त्यौहार के आने से 10-12 दिन पहले से ही अपने घर की साफ़ सफाई में लग जाते हैं। घर की साफ़ सफाई का व्यक्ति के मन के साथ भी बड़ा सम्बन्ध होता है। ऐसा माना जाता है की घर की साफ सफाई, हमारे मन में जमी मैल को साफ करने का सन्देश देती है।

घर को साफ़ करने के बाद हम अपने घर को सजाते हैं। बहुत से लोग दिये का इस्तेमाल करते हैं और बहुत से लोग मोमबत्ती का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन दिवाली में अगर अपने घर को रोशन करना है तो दिये का इस्तेमाल करना ही सही तरीका है।  

क्यूंकि मोमबत्ती को बनाते वक़्त उसमे हानिकारक चीजों का उपयोग होता है और जो रंग बिरंगे मोमबत्ती होती है वो तो ज्यादा खतरनाक होती है क्यूंकि उसमे chemicals मिला हुआ होता है जिसके कारण जब भी मोम्बाती जलाई जाती है तो उससे जेहरीले पदार्थ बाहर निकलते हैं जो हमारे वातावरण को प्रदूषित करती है जिससे इन्सान, जानवर, पेड़ – पौधों सभी को काफी हानी होती है। 

2. बहुत से घरों में दिप जलाने के साथ साथ लोग रंगोली भी बनाते हैं जो दिखने में बहुत ही खुबसूरत होते हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं की ये हमारे लिए कितने हानिकारक होते हैं। हम रंगोली में जो रंग भरते हैं वो रंग क्या natural होते हैं? बिलकुल नहीं, उन रंगों को हम कहाँ से लाते हैं?

बाज़ार से खरीद कर और बाज़ारों में जो रंग बिकते हैं वो बिलकुल भी natural नहीं होते बल्कि वो रंग chemicals के इस्तेमाल से बनाये गए होते हैं जो हमारे skin के लिए बहुत ही खतरनाक होते हैं क्यूंकि रंगोली में रंग भरने के लिए हम अपने हाथों का इस्तेमाल करते हैं।

तो ऐसे में अगर हम रंगोली में रंगों की जगह फुल का इस्तेमाल करें जैसे गुलाब, कमल, गेंदा फुल तो वो और भी खुबसूरत लगेगा और साथ ही साथ हमें उससे कोई भी हानी नहीं पहुचेगी। या फिर हम chemicals रंगों के जगह naturals रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. सभी लोग खासकर बच्चे दिवाली का बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार करते हैं क्यूंकि उस दिन उन्हें बहुत सारे पटाखे जलाने का अवसर मिलता है। बच्चों की खुसी को देख कर हम सबका मन भी प्रसन्न हो जाता है और उनकी पसंद के सारे छोटे बड़े पटाखें हम बाज़ार से खरीद कर ले आते हैं। वो तो बच्चे हैं सही या गलत का फर्क उन्हें कहाँ मालूम रहता है लेकिन हम तो बड़े हैं उनकी सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी हमारी होती है।

पटाखों में भी तरह तरह के chemicals का इस्तेमाल कर बारूद बनाये जाते हैं और इन सभी छोटे बड़े पटाखों में डाले जाते हैं। पटाखों के जलने के बाद जो उसमे से धुआं निकलता है वो हमारे आसपास के वातावरण में फ़ैल जाता है और जब भी हम सांस लेते हैं ये सभी चीजें जो हवा में तैर रही होती है वो सीधे हमारी सरीर के अन्दर जाती है, जो कई तरह की बिमारियों को पैदा करती है।

ये धुआं ना सिर्फ हमारे लिए बल्कि पेड़-पौधे और जानवरों के लिए भी खतरनाक है। इसलिए दिवाली में आप पटाखों का का इस्तेमाल ना करें ऐसा मै बिलकुल भी नहीं कह रही, मै बस इतना कह रही हूँ की आप छोटे छोटे पटाखों का इस्तेमाल करें जैसे अनार, चाकरी, झिरझिरी, इन सभी पटाखों से भी प्रदुषण होता है लेकिन बड़े बड़े पटाखों की तुलना में कम होता है। बड़े पटाखों से बच्चो को दूर रखें और बड़े लोग भी जो इन पटाखों का इस्तेमाल करते हैं वो पटाखे जलाते समय सावधानी बरतें नहीं तो आप जल सकते हैं। 

4. पटाखे जल जाने के बाद लोग उन पटाखों के छिलकों को यूँ ही पड़ा हुआ छोड़ देते हैं। इसलिए अगले दिन जब आप अपने घर के बाहार य एकहि भी पटाखों के कवर और छिलकों को देखे तो उन्हें साफ़ कर दें। कुकी हमे ही ये सब साफ़ करना होगा, जब हम अपने घर के अन्दर गन्दगी नहीं देख सकते तो घर के बहार क्यूँ देखकर छोड़ देते हैं? ये धरती भी तो हमारी माँ है तो उसे साफ़ सुथरा रखना भी हमारा ही कर्तव्य है।

5. दिवाली के दिन कई लोग शराब आदि का सेवन करते हैं। ये बहुत गलत बात है क्यूंकि जहाँ लोग शराब का सेवन करते हैं वहां Diwali Celebration सही से नहीं हो पाता। इसलिए किसी भी प्रकार के नशे से दूर ही रहें और अपने परिवार के साथ हंसी ख़ुशी से दीपवाली के इस त्यौहार को मनाये। 

दीपावली का महत्व  | Significance of Diwali in Hindi

रोशनी का पर्व दिवाली (Diwali 2022) हिंदू धर्म के प्राचीन त्योहारों में से एक है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली (Deepavali 2022) को लेकर कई धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं जुड़ी है।

1. दीपावली त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और ये दिन लोगों को याद दिलाता है कि सच्चाई और भलाई की हमेशा ही जीत होती है।

2. धारणाओं के मुताबिक, इस दिन पटाखे फोड़ना शुभ होता है और इनकी आवाज पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की खुशी को दर्शाती है, जिससे की देवताओं को उनकी भरपूर स्थिति के बारे में पता चलता है।

3. इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण होता है और ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन से इस दिन मां की पूजा की जाए तो घर में पैसों की कमी नहीं होती है।

4. इस अवसर पर लोग उपहारों का आदान प्रदान करते हैं और मिठाई से एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हैं और ऐसा करने से उनके बीच में प्यार बना रहता है. ये त्योहार लोगों को आपस में जोड़कर रखने का भी कार्य करता है।

दीवाली सेलिब्रेशन (Deepawali or Diwali Celebration)

दीपावली की तैयारी कई दिनों से शुरू कर दी जाती हैं, जिसकी शुरुवात घर की साफ़ सफाई से की जाती हैं। त्यौहार की ख़ुशी में साल भर का कूड़ा घर से बाहर कर दिया जाता हैं। कहते है लक्ष्मी साफ सुथरे स्थान में ही रहती है, इसलिए लोग अपने पुरे घर की विशेष सफाई करवाते है। घरो का रंग रोगन किया जाता हैं और तरह- तरह से घर की सजावट की जाती हैं।

दीपावली में पकवानों का विशेष महत्त्व हैं विशेष तरह के मीठे तथा नमकीन पकवान बनाये जाते हैं। जिसका विचार कई दिनों से कर लिया जाता हैं। दीपावली में नयें वस्त्रों का महत्व हैं परिवार का हर व्यक्ति नये कपडे पहनकर पूजा करता हैं। कई उपहार ख़रीदे जाते हैं जिन्हें दोस्तों, रिश्तेदारों में प्रेम के साथ दिया जाता हैं जिससे रिश्ते की डोर मजबूत होती हैं।

घर तथा अन्य जगह काम करने वाले कर्मचारियों को भी उपहार दिए जाते हैं। आज के आधुनिक वक्त में दीपावली भी आधुनिक तरीके से मनाई जाती हैं उच्च परिवार कई दिनों तक विशेष पार्टी करता हैं जिसमे वे सभी से मुलाकात करते हैं जिनसे पारिवारिक, व्यापारिक एवम अन्य संबंध बेहतर बनते हैं। दीपावली के बाद सभी अपने खास सम्बंधी एवम दोस्तों के घर जाते हैं बढ़ो का आशीर्वाद लिया एवम छोटो को आशीष दिया जाता हैं।

दीपावली 2022 की तिथि और पूजा मुहूर्त का शुभ समय

इस बार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या यानी 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी जिसमें लक्ष्मी जी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 8:00 बजे से 10:00 बजे तक होगा।

लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक
लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक

दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त – रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक
अवधि – 50 मिनट तक

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2022
सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चल):17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)               :22:29 से 24:05 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चल):25:41 से 30:27 मिनट तक

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त का महत्व

दिवाली पर मां लक्ष्मी का विशेष पूजा करने का विधान होता है। दिवाली में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, भगवान कुबेर और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जाना सबसे शुभ माना गया है। प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त से होता है।

इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। माना जाता है कि स्थिर लग्न में की गई पूजा-आराधना में माता लक्ष्मी वहां पर अवश्य अपने कुछ अंश के रूप में निवास करने लगती हैं। इसके अलावा महानिशीथ काल में भी लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है।

दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि

हर वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर देश-विदेश में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से पूजा की तैयारियां आरंभ हो जाती है। घरों को रंगोली और प्रकाश से सजाया जाता है। दिवाली की शाम और रात को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी,भगवान गणेश, मां सरस्वती और कुबेर देवता की पूजा और आराधना की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर विचरण करते हैं। जिन घरों में हर तरफ साफ-सफाई,सजावट और प्रकाश रहता है। वहां पर मां लक्ष्मी अपने अंश रूप में निवास करने लगती हैं। घर पर लक्ष्मी का वास होने पर वहां पर सदैव सुख-समृद्धि,धन-दौलत और शांति बनी रहती है।

इस कारण से दिवाली के कई दिनों पहले और दिवाली के दिन घर की साफ-सफाई और सजावट करके विधि-विधान से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए पूजन करने की परंपरा है। आइए जानते हैं दिवाली पर कैसे करें लक्ष्मी पूजा।

– सबसे पहले दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई दोबारा से करें। फिर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
– शाम को पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और फिर उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं।
– चौकी पर लाल कपड़ा बिछाने के बाद उसके ऊपर बाजार से खरीदकर लाई गई नई लक्ष्मी-गणेश, भगवान कुबेर और मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करें।
– इसके बाद प्रतिमा के सामने कलश में जल भरकर और आम की पत्तियां लगाकर रखें।
– मां लक्ष्मी और भगवान गणेश समेत सभी देवी-देवताओं का अवाहन करते हुए सभी मूर्तियों का पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल,मौली ,जनेऊ,अक्षत,फल,हल्दी और पुष्प अर्पित करते हुए मां लक्ष्मी की स्तुति करें।
-माता लक्ष्मी की स्तुति के बाद देवी सरस्वती,मां काली,भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें।
– दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते समय घर पर मौजूद सभी सदस्यों को वहां पर एकत्रित होना चाहिए।
– महालक्ष्मी पूजन के बाद घर की तिजोरी,बहीखाते, पुस्तकों और व्यापारिक संसाधनों की पूजा करें। 
-अंत में घर के हर एक हिस्से में घी और तेल का दीपक जलाकर घर को रोशन करें और प्रसाद ग्रहण करें।

♦ Happy Independence Day 2022 : स्वतंत्रता दिवस 2022 Poem, Bhashan, Quotes, Nibandh in Hindi | आज़ादी का अमृत महोत्सव “हर घर तिरंगा अभियान”

♦  Happy Guru Purnima 2022 Wishes :कल गुरु पूर्णिमा पर बन रहें हैं 4 राजयोग, नोट करें स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त

♦  International Women’s Day 2022: क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

♦  Mother’s Day क्यों क्यों मनाते हैं? Mother’s Day का महत्व और इतिहास

♦  Father’s Day 2022 Date : Father’s Day क्यों मनाया जाता है? जानें तारीख और इतिहास

♦  Valentine’s Day 2022: Valentine Day क्यों मनाया जाता है

♦  Valentine’s Day #PulwamaAttack : 14 फरवरी Pulwama terror attack (Black Day For Bharat)

आशा है आज का लेख दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है | सही तरीके से दिवाली कैसे मनाये | महत्व | मुहूर्त आपको पसंद आया होगा और दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है | सही तरीके से दिवाली कैसे मनाये, दिवाली क्यों और कैसे मनाते है से सम्बंधित ज्यादातर चीजों की जानकरी आपको यहां प्राप्त हुई होगी। आज का लेख आपको कैसा लगा, कमेंट करके जरूर बताएं और ऐसे ही कई तरह के लेखो के लिए हमसे Contact Us या Social Media के साथ जुड़े रहे।

दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है, दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है, दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है, दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है

Share This Post:

My self Namrata Maurya. I’m an Author and Founder of Youthinfohindi.com. I’m from Pune and If I talk about my Education then I’m B.com Graduate and complete my MBA (Finance & Accounts). I love to share my experience and knowledge to others, that’s why I’m here.

Leave a Comment