दीपावली हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की आध्यात्मिक जीत का प्रतीक है। यह पर्व अश्विन और कार्तिक के हिंदू चंद्र-सौर महीनों के दौरान मनाया जाता है। धनतेरस या धनत्रयोदशी (Dhanteras kyu manaya jata hai) से शुरू होने वाला यह उत्सव, भाई दूज के साथ समाप्त होता है। आम तौर पर यह उत्सव 5-6 दिनों तक चलता है।
कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाने वाला धनतेरस, नई शुरुआत करने, सोना-चांदी, नए बर्तन और अन्य घरेलू सामान खरीदने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर हम जो भी सामान खरीदते हैं, वह भविष्य में कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन, धन और समृद्धि के रूप में आशीर्वाद पाने के लिए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि जब अपने हाथों से अमृत कलश लेकर निकले थे, उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी। इसलिए इस दिन को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना करने से आरोग्य एवं सुख की प्राप्ति होती है। आगे हम जानेंगे की धनतेरस का पर्व क्यों मनाया जाता है (Dhanteras kyu manaya jata hai) और इसकी कथा क्या है।
हमारी भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन माना गया है इसलिए धनतेरस के दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है और उन्होंने ही संसार में चिकित्सा विज्ञान का प्रचार और प्रसार किया था। इस दिन घर के द्वार पर तेरस दीपक जलाए जाने की प्रथा है। धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है – पहला धन और दूसरा तेरस जिसका अर्थ होता है धन का तेरह गुना। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के कारण इस दिन को वैद्य समाज में धन्वंतरि जयंती के रूप में मनाता है।
Dhanteras Ki Kahani | Dhanteras kyu manaya jata hai
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को है। शास्त्रों के अनुसार, इस तिथि को समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इस वजह से इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी तिथि के नाम से जाना जाता है। भगवान धन्वंतरि के अलावा इस दिन माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा की जाती है।
इस दिन दीपावली का पर्व शुरू हो जाता है और इस दिन सोना-चांदी या नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन हम में से बहुत से लोगों को इस बात की जानकरी नहीं है की धनतेरस क्यों मनाया जाता है (Dhanteras kyu manaya jata hai) और धनतेरस की कहानी क्या है। तो आइये अब हम धनतेरस की कहानी जानते है।
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Dhanteras ka parv kyun manaya jata hai?
शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जिस तिथि को भगवान धन्वंतरि समुद्र से निकले, वह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी। भगवान धन्वंतरि समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है। भगवान धन्वंतरि को विष्णु भगवान का अंश माना जाता है और इन्होंने ही पूरी दुनिया में चिकित्सा विज्ञान का प्रचार और प्रसार किया था। भगवान धन्वंतरि के बाद माता लक्ष्मी दो दिन बाद समुद्र से निकली थीं इसलिए उस दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है।
धनतेरस की पौराणिक कथा
एकबार मृत्यु के देवता यमराज ने यमदूतों से प्रश्न किया कि क्या कभी मनुष्य के प्राण लेने में तुमको कभी किसी पर दया आती है। यमदूतों ने कहा कि नहीं महाराज, हम तो केवल आपके दिए हुए निर्देषों का पालन करते हैं। फिर यमराज ने कहा कि बेझिझक होकर बताओं कि क्या कभी मनुष्य के प्राण लेने में दया आई है। तब एक यमदूत ने कहा कि एकबार ऐसी घटना हुई है, जिसको देखकर हृदय पसीज गया।
एक दिन हंस नाम का राजा शिकार पर गया था और वह जंगल के रास्ते में भटक गया था और भटकते-भटकते दूसरे राजा की सीमा पर चला गया। वहां एक हेमा नाम का शासक था, उसने पड़ोस के राजा का आदर-सत्कार किया। उसी दिन राजा की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म भी दिया।
ज्योतिषों ने ग्रह-नक्षत्र के आधार पर बताया कि इस बालक की विवाह के चार बाद ही मृत्यु हो जाएगी। तब राजा ने आदेश दिया कि इस बालक को यमुना तट पर एक गुफा में ब्रह्मचारी के रूप में रखा जाए और स्त्रियों की परछाईं भी वहां तक नहीं पहुंचनी चाहिए। लेकिन विधि के विधान को कुछ और ही मंजूर था। संयोगवश राजा हंस की पुत्री यमुना तट पर चली गई और वहां राजा के पुत्र को देखा।
दोनों ने गन्धर्व विवाह कर लिया। विवाह के चार दिन बाद ही राजा के पुत्र की मृत्यु हो गई। तब यमदूत ने कहा कि उस नवविवाहिता का करुण विलाप सुनकर हृदय पसीज गया था। सारी बातें सुनकर यमराज ने कहा कि क्या करें, यह तो विधि का विधान है और मर्यादा में रहते हुए यह काम करना पड़ेगा।
यमदूतों ने पूछा कि ऐसा कोई उपाय है, जिससे अकाल मृत्यु से बचा जा सके। तब यमराज ने कहा कि धनतेरस के दिन विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना और दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती। इसी घटना की वजह से धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और दीपदान किया जाता है।
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Dhanteras Wishes in Hindi | Dhanteras Ki Hardik Shubhkamnaye
Happy Dhanteras 2024 Wishes Images, Quotes, Status, Messages, Photos, Dhanteras Ki Hardik Shubhkamnaye: धनतेरस का शुभ त्योहार इस बार कल यानी 29 अक्टूबर मंगलवार के दिन पड़ रहा है। ऐसे में आप अपनों के साथ ये शुभकामना संदेश शेयर कर सकते हैं।
Happy Dhanteras 2024 Wishes
आपके घर में धन की बरसात हो,
संकटों का नाश हो,
लक्ष्मी का वास हो !
हैप्पी धनतेरस 2024!
मन में खुशियां और हृदय में संतुष्टि का वास हो,
जीभर धन-वैभव मिले, धनतेरस इतनी खास हो।
Happy Dhanteras 2024
Happy Dhanteras 2024 Wishes in Hindi
इस धनतेरस से अगली धनतेरस तक, हर दिन समृद्धि बढ़े।
कोई इच्छा अधूरी न रहे, इस तरह आपका साल गुजरे।
हैप्पी धनतेरस 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं………
आपकी हर मनोकामना आज हो स्वीकार
धन-संपत्ति इतनी बरसे, भर जाए घर-बार
सभी के लिए मंगलमय हो, धनतेरस का त्योहार।
Happy Dhanteras 2024
धनवंतरि आज घर में आएं, स्वास्थ्य धन सबको दे जाएं
लक्ष्मी-गणपति-कुबेर का, हम सभी आशीर्वाद पाएं।
Happy Dhanteras 2024
जीवन में आपके खुशियां बेशुमार हों,
ईश्वर करे अच्छा आपका व्यापार हो,
मां लक्ष्मी का आप पर पूरा आशीर्वाद हो,
इतनी प्यारी धनतेरस आपकी हर बार हो।
धनतेरस की हार्दिक शुकामनाएं
धनतेरस का ये शुभ दिन आया,
सबके लिए नई खुशियां लाया,
लक्ष्मी, गणेश विराजे आपके घर में
आपके परिवार पर सदा रहे खुशियों की छाया।
लक्ष्मी आएगी इतनी की सब जगह नाम होगा,
दिन-रात व्यापार बढ़े, इतना अधिक का म होगा।
धनतेरस की शुभकामनाएं
दीपक की रोशनी,
मिठाइयों की मिठास,
पटाखों की बौछार,
धन-धान की बरसात,
हर दिन आपके लिए खुशियां लेकर आए,
धनतेरस का त्योहार।
दीप जलें तो रोशन आपका जहान हो,
पूरा आपका हर एक अरमान हो,
मां लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे आप पर,
इस धनतेरस पर आप बहुत धनवान हों।
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं।
धनतेरस की रोशनी में हो नया सवेरा,
आपके जीवन में आए खुशियों का बसेरा,
धन और समृद्धि की बहार लाए,
आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान सजाए।
धनतेरस की शुभकामनाएं
सोने-चांदी की तरह चमकेंगे आपके रिश्ते,
धनतेरस पर मिले आपको खुशियों की सौगात,
हर दिन बहे प्यार का नूर,
आपकी जिंदगी हो खुशियों से भरपूर।
हैप्पी धनतेरस 2024
धनतेरस का प्यारा त्योहार
जीवन में आपके लाए खुशियां अपार
माता लक्ष्मी विराजे आपके द्वार
सभी मनोकामनाएं हो आपकी स्वीकार।
धनतेरस की हार्दिक बधाई
आज से आप के यहां धन की बरसात हो,
मां लक्ष्मी जी का सदा निवास हो,
संकट और दुखों का नाश हो
सिर पर उन्नति का ताज हो।
मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की रहे आप पर कृपा अपार,
दिन रात बढ़े आपका कारोबार,
सबसे पाएं आप भरपूर प्यार,
धन-संपदा की आप पर सदा हो बौछार,
ऐसा हो आपका धनतेरस का त्योहार।
धनतेरस की शुभकामनाएं
जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो,
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हो,
चारों तरफ से धन की बरसात हो,
अपनों को हो जीवनभर का साथ,
जीवन में हो खुशियों का वास,
धनतेरस पर धन का भरे भंडार।
हैप्पी धनतेरस 2024
धनतेरस पर हो सोने की चमक,
हर दिल में बसे खुशियों की झलक,
समृद्धि की हो एक नई कहानी,
आपके जीवन में आए हर खुशी सुहानी।
धनतेरस के पर्व की हार्दिक शुभका मनाएं
धनतेरस के दिन लोग 13 दिए जलाकर भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान की पूजा करने से आपके घर में
धन की वर्षा होती रहती है और किसी भी चीज की कमी नहीं होती। इसके अलावा इस दिन कुछ शुभ चीजों जैसे की सोना-चांदी, बर्तन इत्यादि की खरीदारी का भी महत्व है।
Disclaimer: इस लेख में दी गयी जानकरी सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Youthinfohindi किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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