Baby Care Tips In Hindi: पहली बार बनीं है माँ तो आपको पता होना चाहिए ये 20 बेबी केयर टिप्स

Baby Care Tips In Hindi: जब एक बच्चे का जन्म होता है तो उसी के साथ एक औरत का माँ के रूप में भी जन्म होता है। जो औरतें पहली बार माँ बनती हैं उनको बेबी केयर टिप्स (Baby Care Tips) की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। अगर आप भी पहली बार मां बानी हैं तो आपको नवजात शिशु की देखभाल के जरूरी बेबी केयर टिप्स की जानकारी होना बेहद जरूरी है। आज के इस लेख में मई आपको बच्चे की देखभाल के लिए 20 जरूरी बेबी केयर टिप्स बताने वाली हूँ तो इसे अंत तक जरूर पढ़ें।

पहली बार मां बनने वाली महिला का भी बच्चे के साथ ही माँ के रूप में जन्म होता है क्योंकि पहली बार बच्चे को जन्म देने पर एक महिला को बेबी केयर का कोई अनुभव नहीं होता है। किसी भी नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। बेबी केयर टिप्स (Baby Care Tips) के बारे में जानकारी होने से पहली बार माँ बानी महिला को अपने बच्चे को संभालना आसान हो जाता है।

हर माँ को बेबी हेल्थ केयर टिप्स की जानकारी होना बेहद जरुरी है। नवजात शिशु की देखभाल के लिए उसके खान-पान, पोषण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। तो आइये नवजात शिशु की देखभाल के लिए जरूरी 20 बेबी केयर टिप्स के बारे जानते हैं।

Baby Care Tips In Hindi

  • गर्भनाल की देखभाल (Umbilical Cord Care)

बच्चे के जन्म के बाद कुछ दिनों तक गर्भनाल की देखभाल (Umbilical Cord Care) बहुत जरूरी होती है। जन्म के बाद लगभग 7-10 दिनों तक गर्भनाल बच्चे के साथ जुड़ी रहती है। इन दिनों में गर्भनाल की ठीक से सफाई जरुरी है। इसके लिए आप डॉक्टर द्वारा सुझाए गये पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल अवश्य करें।

  • सफाई का विशेष ध्यान रखें

बेबी हेल्थ केयर टिप्स में सबसे पहला स्टेप होता है खुद को साफ रखना क्योंकि अगर माँ स्वच्छ रहेगी तो बच्चा भी हेल्दी रहता है। नवजात शिशु को अपनी गोद में लेने से पहले अपने हाथों की सफाई तो जरुरी है ही साथ ही आपके कपड़ों का साफ़ होना भी जरुरी है इसलिए स्वच्छ कपडे पहने। अगर आप बाथ रूम या कहीं बाहर से आ रही हैं, तो अपने कपड़े जरूर बदलें उसके बाद ही शिशु के पास जाएं।

  • शिशु को गोद में लेने का तरीका

आप पहली बार मां बनी हैं तो आपके लिए यह जानना भी जरुरी है की बच्चे को गोद में कैसे लिया जाए क्योंकि नवजात बच्चे को अगर ठीक से गोद में नहीं लेने से उसकी रीढ़ और गर्दन की हड्डियों में दबाव बन सकता है। ऐसे में नवजात शिशु को गोद लेने का सही तरीका जानना बेहद जरुरी होता है।

baby care specialists बताते हैं कि बच्चे को गोद में लेते वक्त उसके सिर और रीढ़ की हड्डी को विशेष सहार देते हुए उठाना चाहिए। एक माँ को हमेशा अपने शिशु को अपने सीने में चिपकाकर रखना चाहिए। अगर बच्चा रो रहा है तो उसकी पीठ पर हल्के हाथो से थपकी या सहलाने की प्रक्रिया करनी चाहिए।

  • फीडिंग बोतल की सफाई है जरूरी

वैसे तो स्तनपान हर शिशु के लिए बहुत जरुरी है। लेकिन अगर आप किसी कारणवश स्तनपान नहीं कराती हैं, तो आपको बेबी फीडिंग बोतल की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। नियमित तौर पर फीडिंग बोतल को स्टरलाइज़ करें। दूध पिलाने से पहले बोतल को अच्छी तरह से धो लें और निप्पल की सफाई ठीक तरह से करें अन्यथा आपका शिशु बीमार पड़ सकता है।

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  • नवजात को बर्प जरूर कराएं

जी हां, छोटे बच्चे को बर्प कराने की जिम्मेदारी भी मां की ही होती है। बहुत से लोगों को इस बात की जानकरी ही नहीं होती है और इसके कारन शिशु के पेट में गैस बनने लगती है और शिशु रोता है। नई माँ को कुछ समझ नहीं आता की शिशु आखिर रो क्यों रहा है। जब शिशु दूध पीते है उस समय हवा भी निगल लेते हैं, जिससे उनके पेट में गैस या पेट में मरोड़ की समस्या हो सकती है।

डकार दिलाने से यह अतिरिक्त हवा बहार निकल जाती है, तथा शिशु के दूध उलटने और पेट के दर्द को रोकने में भी लाभकारी है। इसलिए फीडिंग के बाद बच्चे को अपने सीने से लगाकर हल्की थपकी दें। ऐसा करने से बच्चा जरूरी बर्प कर लेता है। बर्प को हवा पास करना या डकार करना भी कहते हैं। ये बहुत जरुरी है।

  • बच्चे को अकेला न छोड़े

शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है की दो महीने तक नवजात शिशुओं को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। नवजात बच्चों को 2 महीने तक विशेष तौर पर हमेशा नजर के सामने रखना चाहिये।

  • सुलाने के लिए बेबी केयर टिप्स

शिशु को अच्छी नींद आये इसके लिए सुलाने के बेबी केयर टिप्स का पता भी आपको जरूर होना चाहिए। शिशु रोग विशेषज्ञ ये मानते हैं की SIDS या अचानक शिशु की मृत्यु का कारण बच्चे का सही से न सोना ही होता है। बच्चे का बिस्तर ठीक से साफ होना चाहिए और वह आपके बच्चे के लिए आराम दायक भी होना चाहिए। इस चीज का विशेष ध्यान रखें की शिशु बिस्तर पर ठीक से घूम और करवट ले सके।

  • डायपर बदलने के टिप्स

नवजात बच्चे के अंडर गारमेंट्स और डायपर को बार-बार चेक करते रहना जरुरी है। एक सवथ शिशु जल्दी-जल्दी पेशाब करता रहता है। ज्यादा समय तक गंदे डायपर के साथ रहने पर बच्चे में इंफेक्शन और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। कई बार नवजात शिशु के स्किन पर चकत्ते (Diaper rashes) भी पड़ जाते हैं।

  • बच्चे को झटकने और हिलाने से बचें

अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चा रोने लगता है तो लोग उसे गोद में लेकर हिलाने लगते हैं। बेबी केयर टिप्स में इस चीज को करने के लिए मना किया जाता है। नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चे को झटका या हिलाने से मस्तिष्क में चोट का खतरा रहता है। ऐसे मे बच्चे के ब्रेन हेल्थ पर इफेक्ट पड़ता है।
छोटे बच्चों को गोद में लेकर हिलाने के बजाए धीरे-धीरे चलें और उसे हल्की थपकी के साथ सहलाएं। मां उसे कुछ गाने या लोरी भी सुना सकती है। इस बात को आप Tips for Baby care List में सबसे ऊपर रख सकती हैं।

  • नवजात के लिए स्किन टच है जरूरी

मां बनने के बाद आपको जो सबसे जरूरी चीज सीखनी है वो यह कि आपके शिशु को मात्र स्नेह ही नहीं बल्कि आपके स्किन टच की भी जरूरत है। इसलिए अपने बच्चे को अपने शरीर के स्किन का टच अवश्य दें। यह एक तरह से कंगारू केयर भी है। बच्चे को अपने सीने से लगाएं। यह बच्चे को आपकी गर्मी के साथ उसकी धड़कनों को नियमित करने में भी मदद करता है। बच्चे को स्किन टच देने से उसका विकास तेजी से होता है।

  • हवा में उछालने से बचें

कुछ लोगों को आप भी देखते ही हैं कि बच्चे को हवा में उछाल उछाल कर कैच करते हैं। कुछ लोग घुटनों में रखकर पालने जैसा झुलाते हैं। ये दोनों ही तरीके नवजात शिशु के लिए ठीक नहीं हैं। बेबी केयर टिप्स में इन दोनों तरीकों को बिल्कुल मना किया जाता है।

Baby Care Tips In Hindi: पहली बार बनीं है माँ तो आपको पता होना चाहिए ये 20 बेबी केयर टिप्स

  • शिशु से बात करें

यह सुनने में अजीब लग सकता है। लेकिन बच्चे की मां को अपने शिशु से बात करनी चाहिए। नवजात के मस्तिष्क के विकास के लिए यह अत्यंत आवश्यक होता है। नवजात शिशु का ब्रेन विकास के क्रम में रहता है ऐसे में शिशु को ध्वनि और शब्दों की आवाज सक्रिय करती है और उसके मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है।

  • नवजात की जरूरत को समझें

हर माँ को इस चीज पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है की आपके शिशु को कब किस चीज की जरूरत है। नवजात शिशु की दो जरूरतें सबसे जरूरी होती है। पहली तो ये की समय पर स्तनपान या बोतल फीड और फूड और दूसरा पर्याप्त नींद। बच्चे को फीड्स देने के बाद सोने का माहौल रखें। इस बात का विशेष ध्यान रखें की शिशु के पास ज्यादा शोर ना हो।

नवजात शिशु को हर दो घंटे में भूख लग सकती है। एक नवजात शिशू के लिए 24 घंटे में 16 से 20 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। बच्चे को फीड्स देते समय हमेशा ध्यान रखें की आपके निप्पल ठीक तरह से साफ हैं। इसके अलावा आपको यह भी ध्यान देना है कि स्तनपान से आपके शिशु का पेट ठीक से भरा है या नहीं। अगर आपका दूध शिशु के लिए पर्याप्त नहीं निकल रहा है तो अन्य विकल्प के तौर पर फीड्स बोटल तैयार रखें।

  • नवजात शिशु को कैसे नहलाएं

वैसे तो जब तक बच्चे की गर्भनाल (umbilical cord) रहती है तब तक बच्चे को नहीं नहलाना चाहिए। जब गर्भनाल गिर जाए तब स्पंज स्नान से शुरुआत करनी चाहिए। बच्चे को नहलाते समय हमेशा सावधानी और सफाई का ध्यान रखें। उसे गोद में लिटा कर सीने से लगाकर ही नहलाएं और नहाने का पानी हमेशा पर्याप्त गरम होना चाहिए।

  • बच्चे के रोने पर ध्यान दें

कुछ लोगों का मानना होता है कि बच्चे रोते ही हैं। लेकिन यह सोच गलत है। अगर बच्चा रो रहा है तो उसका मतलब है कि उसे किसी चीज की जरूरत है। नवजात शिशु दूध और नींद के लिए ही रोते हैं।
अगर शिशु को भूख लगी है, तो उसे फीडिंग दें और अगर उसके बाद भी रो रहा है तो उसे हल्की थपकी के साथ सुलाने की कोशिश करें। अगर इसके बाद भी बच्चा रोता ही रहता है तो जांच करें कि उसे किस तरह की तकलीफ है। अगर कुछ ठीक से समझ नहीं आता तो तुरत डॉक्टर को दिखाएं।

  • सही कपड़े पहनाएं

बेबी केयर में इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि शिशु सही कपड़ा पहने। नवजात शिहु को बहुत ज्यादा रंगीन कपड़े पहनाने की जगह सफेद और कॉटन के कपड़े का चयन करें। नवजात के कपड़े में बटन और पीन जैसी चीजे न हो तो बहुत ही अच्छा है।

  • खिलौने बिस्तर से दूर रखें

कुछ लोग खिलौनों को अपने शिशु के बहुत करीब रखते हैं। बेबी केयर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सॉफ्ट खिलौने बच्चों की नींद में खलल डाल सकते हैं। हार्ड खिलौनों से शिशुओं को चोट लगने का डर रहता है और वहीं मुलायम खिलौनों से एलर्जी होने का खतरा रहता है। इसलिए नवजात शिशुओं से खिलौनों की दुरी बेहद जरुरी है।

  • बच्चे के कमरे की सफाई

हर मां बनने वाली महिला और घर वाले इस बात को हमेशा ध्यान में रखें की शिशु का कमरा हमेशा साफ रहना चाहिए। बाहर से आने वाले लोगों को अपनी सफाई के बाद ही बच्चे के रूम में जाएं। इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए की शिशु के कमरे में धूल न जाए। कमरे में गंदगी होने से बच्चे को एलर्जी हो सकती है।

  • डॉक्टर के पास जाने में देर न करें

अगर आपको लगता है कि शिशु में कुछ अलग तरह के लक्षण हैं, तो बिना किसी देरी के डॉक्टर के पास जाएं। बुखार, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण अगर हैं तो बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा न दें। बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में बाल रोग विशेषज्ञ से जरूरी जानकारी और सावधानी भी जान लें।

  • मां के लिए हेल्दी डाइट है जरुरी

इन सभी बेबी केयर टिप्स के साथ मां को अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि अगर मां हेल्दी नहीं रहेगी तो उससे शिशु के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

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जब हम पहली बार माता-पिता बनते हैं तो शुरुआत में नवजात शिशु की देखभाल करना आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है, पर यकीन मानिये ये एहसास दुनिया के सबसे खूबसूरत एहसासों में से एक होता है। जैसे ही थोड़ा समय बीतेगा आपको इसकी आदत पड़ जाएगी और आप इसे आसानी से उत्साह के साथ करने लगेंगे। अपने Newborn baby की देखभाल करते हुए आप इन सारी परेशानियों को हँसते हुए पर कर पाएंगे।

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