सफलता के लिए क्या जरुरी है-आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न

क्या आपको पता है की हमे हमारी सफलता के लिए किस चीज की जरुरत है? हमे अपनी सफलता के लिए क्या करना चाहिए? सफलता के लिए किसपर भरोसा करना चाहिए ? सफलता हासिल करने के लिए किसे चुनना चाहिए – आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न? हम जीवन में सफल कैसे हो सकते हैं यह जानना बहुत जरुरी है इसलिए आज के ब्लॉग में मैं आपको बताने वाली हूँ की सफलता के लिए क्या जरुरी है – आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न? What is needed for success – Faith, God, Luck or Effort?

सफलता हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हर की सफल होना चाहता है। सफलता प्राप्त करने के लिए जहाँ कुछ लोग हर संभव प्रयास करते हैं तो वही कुछ लोग अपने भाग्य, भगवान और दूसरों को दोष देते हैं की वो इन सबके कारन सफल नहीं हो पाए। लेकिन हकीकत में उनकी असलता के लिए उनके द्वारा की गई कुछ गलतियां और दूसरों पर किया गया भरोसा जिम्मेदार होती हैं।

जीवन में सफल होने के लिए बिना प्रयास के कुछ भी पाना असंभव है। इसलिए अगर आप सफलता का आनंद लेना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको कड़ी मेहनत भी करनी पड़ेगी। सिर्फ भाग्य या भगवान के भरोसे बैठे रहने से या पूजा पाठ करने से आप सफलता का आनंद नहीं उठा सकते उसके लिए आपका प्रयत्न और कड़ी मेहनत करना बहुत जरुरी है।

आपको क्या लगता है?
अगर हम अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न इन सब में से किसकी भूमिका अहम् होती है? क्या इनमे से किसी एक की या सब की जरुरत होती है? पर क्या आपको पता है की इन चीजों की जरुरत किस अनुपात में होती है? चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं की सफलता के लिए क्या जरुरी है-आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न? What is needed for success-Faith, God, Luck or Effort?

 

सफलता के लिए क्या जरुरी है-आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न? What is needed for success-Faith, God, Luck or Effort?

अगर हम भाग्य का नाम लें या भाग्य को अपनी सफलता के लिए उत्तरदायी समझे तो निश्चित रूप से भाग्य हमारे बस में नहीं है। अगर हम आस्था की बात करते हैं तो इसमें भी हम अपनी मर्जी नहीं चला सकते। अगर हम ईश्वर की बात करते हैं तो उनके मामले में भी हम जबरदस्ती उनसे कुछ मांग नहीं सकते।
तो अब बचा क्या – बस हमारे हाथ में प्रयत्न ही रह जाता है।

तो हमे सफलता पाने लिए अपना 100% अपने प्रयत्न पर लगा देना होगा, आगे जो होना होगा वो होगा, बस हमे प्रयत्न करते रहना चाहिए, एक बार प्रयत्न करने के बाद सफलता ना मिलने पर निराश होकर बैठना नहीं चाहिए बल्कि फिर से प्रयत्न करना चाहिए।

हमे अपनी ऊर्जा और क्षमता को भाग्य, ईश्वर और आस्था के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए क्यूंकि अगर ऐसी कोई चीज होती है तो वो अपने आप काम जरूर करेगी। हमारे हाथ में बस प्रयत्न करना ही है, तो बस उसे ही करते रहना चाहिए।

बस हमारा प्रयास प्रभावशाली होना चाहिए यानी की वो केंद्रित और नपा तुला होना चाहिए। सफलता के लिए ध्यान केंद्रित होगा तभी आप उस लक्ष्य को पाने के लिए संभव प्रयास कर पाएंगे। बस यूं ही प्रयास करते रहना मूर्खता है।

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सिर्फ मेहनत करने से आपको कुछ हासिल नहीं होने वाला बल्कि सही काम, सही समय, सही स्थान, यह सब अहमियत रखते हैं और इन सभी को होने के लिए आपको बोध यानि ज्ञान और समझदारी चाहिए।

तो आपको अपने जीवन में बस इतना ही करना है, लगतार अपने बोध और बुद्धिमता में निखार लाने और उसे बढ़ाने के साधन तलाशते रहना है बाकी सब तो वैसे भी हो ही जाएगा। आप बस अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित कीजिये और प्रयत्न करते रहिये। आपका प्रयत्न की आपको आपकी मंज़िल तक ले जाएगा और आपको सफल बनाएगा।

यही एक चिज है जिसकी तरफ हम इंसान ध्यान नहीं देते। बस हर किसी को कोई न कोई खास क्षमता पाने की तलाश रहती है लेकिन हमे कोई खास क्षमता पाने की कोशिश नहीं करनी है बस अपने बोध और बुद्धिमाता को बढ़ाना है। फिर चाहे जीवन में जिससे भी आपका सामना हो, आपके सामने जो भी परिश्थिति, जो भी चुनौती आये आप खुद को उससे लड़ने और उसका सामना करने के लिए तैयार पाएंगे।

अधिकतर लोग जो बस आस्था, ईश्वर और भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं वो लोग आमतौर पर दुनिया के सबसे ज्यादा दुखी लोगों में से होते है। ऐसा इसलिए है क्यूंकि उनके पास सक्रीय बुद्धि तो है लेकिन वो जीवन को ठीक से देख नहीं पाते। उनको अपने जीवन को संवारने के लिए, कामयाबी पाने के लिए क्या करना है, ये बात उनको पता ही नहीं होती, बस आस्था, ईश्वर और भाग्य के भरोसे बैठे रहते है और इनको कोसते है। लेकिन अपने बोध में निखार लाने और प्रयत्न करने से घबराते है।

लोग बस अपने मन का विस्तार करने की कोशिश कर रहे है, जबकि ये उतना एहमियत नहीं रखता। मन का विस्तार आपको केवल सामाजिक रूप से सफल बनाएगा लेकिन सही मायनो में सफल होने के लिए आपको प्रयत्न करना पड़ेगा। मन के विस्तार से मतलब है बस मन में ये सोचते रहना की हम ये करेंगे तो सफल हो जायेंगे, ऐसा करेंगे तो सफलता मिलेगी, वैसा करेंगे तो सफलता मिलेगी।

जबकि ऐसा नहीं है, अगर आप सही मायने में सफल होना चाहते हैं तो आपको हर चीज को उसी रूप में देखना होगा जैसी वो है लेकिन बिना किसी विकृति के। यानि की जीवन में कोई भी परिस्थति आये कभी घबराना नहीं चाहिए। ना ही भाग्य को कोसना चाहिए बस आपको लगातार प्रयत्नशील रहने की जरुरत है।

अगर आप हर चीज को उसके असली रूप में देखना सिख गए तो जीवन आपके लिए एक खेल बन जाएगा और आप इसे पुरे आनंद के साथ और अच्छे से खेल सकेंगे। अगर आप इसे अच्छे से खेलेंगे तो लोग आपको सफल जानेंगे।

safalpata pane ke liye kya karein

 

अगर आप जीवन की हर परिस्थिति को को बिना घबराये अच्छे से संभालना सिख गए तो आप अपने जीवन में कामयाब जरूर होंगे। अपना पूरा ध्यान खुद को एक बोधवान और प्रयत्नशील इंसान बनाने में लगाएं ना की अपनी असफलता के लिए किसी को कोसने या जिम्मेदार ठहराने में।

आपको ये कभी नहीं सोचना चाहिए की मुझे सफल होना है आप बस ये सोचिए कि आप कैसे खुद को एक पूर्ण विकसित इंसान बना सकते है। जिस दिन आपने खुद को एक पूर्ण विकसित इंसान बना लिया और अपने बोध यानि जानकारी को हर क्षेत्र में बढ़ा लिया तो एक दिन लोग जरूर कहेंगे की वो एक सफल व्यक्ति है।

आप हमेशा सफल होने की चिंता ना करे क्यूंकि सफलता के लिए क्या करना जरुरी है (What is needed for success) उसके बारे में विचार करें क्यूंकि यह जीवन जीने का सही तरीका नहीं है। जीवन जीने के लिए आप लगातार प्रयत्न करते रहिये एक ना एक दिन आप सफल जरूर होंगे।

हर समय बस सफलता की चिंता करते रहे (safalpata pane ke liye kya karein) तो आप खुद के लिए तो दुख और दर्द पैदा कर ही लेंगे साथ ही अपने अपनों के लिए भी क्यूंकि आपके लिए सफलता का अर्थ बस किसी और के स र पे सवार होना रह जाता है।

मतलब आप ये सोचने लगते है की आप सबसे ऊपर रहे और बाकी सब आप से निचे। दोस्तों यह सफलता नहीं है बल्कि यह एक मानसिक बीमारी है इसलिए सफलता के बारे में कभी ना सोचे। बस सफलता के लिए प्रयत्नशील रहे और इस बात के लिए कार्यरत रहे की कैसे खुद को एक संपूर्ण इंसान बनाया जाए।

जिस तरह बाहरी दुनिया में सुख सुविधाएं पैदा करके के लिए एक तकनिक है ठीक वैसे ही अपने भीतर सुख और आनंद पैदा करने के लिए भी एक विज्ञान और तकनिक है। वो तकनीक है खुद की बुद्धि में विस्तार लाएं और बस प्रयत्न करें, बिना सफलता की चिंता किये। क्यूंकि अगर आपका प्रयत्न सही दिशा में और सच्चा है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

 

आशा करती हूँ आज की पोस्ट सफलता के लिए क्या जरुरी है-आस्था, ईश्वर, भाग्य या प्रयत्न? What is needed for success-Faith, God, Luck or Effort? आपको पसंद आया होगा और आप समझ गए होंगे की सफलता और कामयाबी के लिए क्या जरुरी है। अपने सुझाव आप मुझे कमेंट करके बताएं और इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।

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