low blood platelets: कई बार व्यक्ति शरीर से मिलने वाले संकेतों को नजरअंदाज कर देता है। जिसकी वजह से भविष्य में उसे अपनी सेहत से जुड़े कई जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
Signs of low platelets in blood: ऐसे ही जोखिम में से एक जोखिम है खून में प्लेटलेट्स का कम होना। खून में प्लेटलेट्स एक बहुत ही जरूरी सेल्स हैं। जब भी शरीर में किसी कारणवश खून निकलने लगता है तो प्लेटलेट्स वहां थक्का बना देते हैं जिससे खून बहना बंद हो जाता है। लेकिन अगर खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम है, तो ये कई अन्य बीमारियों के भी संकेत हो सकते हैं। इसलिए इन्हे नज़रअंदाज करना आपको काफी भारी पड़ सकता है।
दरअसल, शरीर में तीन तरह के ब्लड सेल्स मौजूद होते हैं। पहली लाल रक्त कोशिकाएं, दूसरी सफ़ेद रक्त कोशिकाएं और तीसरा प्लेटलेट्स। यह रक्त कोशिकाएं प्लाज्मा नामक द्रव में तैरती हैं। शरीर में जब कहीं चोट या फिर कट लग जाता है तो प्लेटलेट्स की कोशिकाएं रक्त को थक्के के रूप मेंपरिवर्तित कर देती है, जिससे ब्लीडिंग रूक जाती है। अगर प्लेटलेट की संख्या में कमी हो जाए, तो ब्लड के थक्के नहीं बनते हैं। जो कि एक गंभीर स्थिति हो सकती है।
Platelets count: प्लेटलेट्स शरीर में मौजूद बहुत सूक्ष्म सेल है जो खून में इधर से उधर करते रहते है। अन्य ब्लड सेल्स की तरह प्लेटलेट्स भी बोन मैरो में बनते हैं। प्लेटलेट्स खून में थक्का जमाने के काम आते हैं। जब भी शरीर में कहीं चोट लगती है या किसी वजह से शरीर के अंग से खून निकलता है तो प्लेटलेट्स वहां सक्रिय होकर थक्का के रूप में बन जाते हैं। इस तरह प्लेटलेट्स के महत्व को समझा जा सकता है।
प्लेटलेट्स कम हो जाए तो ब्लीडिंग होने की आशंका बढ़ जाती है और शरीर से खून निकलने लगता है। इसलिए जब प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाए तो इसे गंभीरता से लेने की जरुरत है। आइए अब जानते हैं की प्लेटलेट्स की नॉर्मल रेंज क्या है और प्लेटलेट्स काउंट कम होने के क्या-क्या लक्षण हैं तथा इससे किन-किन बीमारियों का खतरा है।
प्लेटलेट्स की क्या है नॉर्मल रेंज | स्वस्थ व्यक्ति में कितने होने चाहिए प्लेटलेट काउंट
एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150,000 लाख से 450,000 प्रति माइक्रो-लीटर होना चाहिए। जब यह काउंट 150,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर से नीचे चला जाता है तो इसे Low Platelets माना जाता है। खून में 150,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर से कम है तो यह माइल्ड ब्लीडिंग रिस्क है लेकिन प्लेटलेट्स अगर 200000 से नीचे हैं तो गंभीर खतरा है। इस स्थिति में ब्लीडिंग को रोकना मुश्किल हो जाता है।
प्लेटलेट की संख्या कम होने के कारण (Low Platelet Count Causes in Hindi) : डेंगू ही नहीं बल्कि शरीर में प्लेटलेट्स कम होने के पीछे कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। उदाहरण के लिए खून में बैक्टीरियल संक्रमण, अस्थि मज्जा की परेशानी, आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा, हीमोलाइटिक यूरीमिक सिंड्रोम, हाइपरसप्लेनिज्म, स्वप्रतिरक्षित रोग इत्यादि।
प्लेटलेट संख्या कम होनेपर नजर आते हैं येलक्षण (Low Platelet Count Symptoms in Hindi ) | Low Platelets के लक्षण :
सामान्य खरोंच का भी गंभीर हो जाना
ब्रश करते समय मसूड़ो से खून निकलना
लंबे समय तक घावों से खून बहना
त्वचा पर नीले, लाल और बैंगनी रंग के छोटे-छोटे निशान उभर आना
हल्की सी इंज्यूरी में भी ज्यादा खून निकलना
ज्वाइंट में बहुत ज्यादा दर्द, खासकर घुटने और कूल्हों में
नाक से अक्सर खून निकलना
मल और पेशाब से खून आना
मल का रंग काला या खून जैसा दिखना
लाल या गुलाबी रंग का यूरिन निकलना
सिर दर्द
खून के साथ उल्टी आना
नाक और मसूड़ों से काफी ज्यादा खून आना
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को असामान्य ब्लीडिंग होना
मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द बने रहना
कमजोरी या चक्कर जैसा महसूस
प्लेटलेट्स कम होने के कारण | किन बीमारियों की स्थिति में प्लेटलेट्स हो जाते हैं कम : बहुत से ऐसे आनुवांशिक कारण होते हैं जिनकी वजह से खून में प्लेटलेट्स कम हो सकते है। जैसे की अगर ऑटोइम्युन की बीमारी हो, बैक्टीरियल ब्लड इंफेक्शन, हेपारटिन सोडियम जैसी दवाओं का सेवन जिससे खून पतला होता है, उसके कारण भी ब्लड प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान यदि जेस्टेशनल थ्रोम्बोसाइटोपेनिया हो जाए तो भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। ब्लड कैंसर की बीमारी में भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। अगर स्प्लीन यानी प्लीहा बढ़ जाए तो इससे भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं।
शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या करें : शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए आपको अपनी डाइट में फोलेट, विटामिन-बी12, विटामिन-सी, विटामिन-डी और विटामिन-के से भरपूर चीजें शामिल करनी होगी। प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाने के लिए आप पपीते का सेवन कर सकते हैं। पपीते के पत्तों का जूस प्लेटलेट बढ़ाने में असरदार होता है। इसके लिए इन पत्तों को उबालकर इसका रस निकालकर पीने से भी लाभ मिलता है।
कद्दू का सेवन भी आप प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। इसके लिए आप कद्दू का रस निकालकर पी सकते हैं। आप चाहें तो इस रस का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा सा शहद भी मिला सकते हैं। इसके साथ प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अनार, चुकंदर का जूस पीना बेहतर रहेगा। वहीं कीवी, गिलोय, पालक, आदि खाने से भी प्लेटलेट्स काउंट बढ़ता है।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.