आयुर्वेद में छाछ को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। छाछ और दही दो अलग-अलग प्रकार के डेयरी उत्पाद हैं। ये दोनों दूध के दो अलग-अलग रूप हैं जो दूध से ही बनते हैं। छाछ और दही दुनिया भर की कई अलग-अलग संस्कृतियों में खाना पकाने और आहार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये लगभग हर पहलू में एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।
जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें। पेट के लिए छाछ बहुत फायदेमंद है। गर्मियों में छाछ से बेहतर आपका मित्र और कोई नहीं हो सकता। आज के इस लेख में मैं आपको Chaas के फायदे, कब पीनी चाहिए छाछ और अगर गलत समय पर पी लिया तो हो क्या नुकसान हो सकते हैं के बारे में बताने वाली हूँ।
छाछ कब पीनी चाहिए (When to drink Chaas)
आयुर्वेद के अनुसार छाछ यानि मठ्ठा दिन के किसी भी समय पिया जा सकता है। इसे भोजन के बाद भी पी सकते हैं। शाम या रात के समय इसका सेवन करने से पहले मौसम और जगह का ध्यान देना जरूरी है। अगर आपको पेट की दिक्कत रहती है तो छाछ को सुबह खाली पेट पीना सही है।
छाछ कैसे बनती है, इसकी तासीर और विटामिन (How to make Chaas)
छाछ भारतीय पारंपरिक पेय पदार्थों में से एक हैं। दूध से दही और दही से छाछ बनती है। छाछ बनाने के लिए दही को मथना पड़ता है। घी निकालने के बाद जो पेय बचता है उसे छाछ कहते हैं। छाछ में दूध व दही की अपेक्षा फैट व कैलोरी, दोनों कम होते हैं। यह नमकीन व खट्टी और पीने में स्वादिष्ट भी होती है। यह काफी प्रसिद्ध पेय है और इसे मट्ठा भी कहा जाता है।
इसका इस्तेमाल अक्सर गर्मियों में पीने के लिए किया जाता है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है और यह शरीर में ठंडक पहुंचाती है। यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं क्यूंकि यह खनिज और विटामिन से युक्त होती है। इसलिए इसे भोजन के बाद पीते हैं। छाछ में उच्च मात्रा में पोटेशियम, विटामिन B12, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन मौजूद है। इसके अलावा यह फास्फोरस का भी बढ़िया स्रोत है। छाछ का उपयोग पीने के अलावा सब्ज़ी बनाने में भी किया जाता है। छाछ से अनेक प्रकार के व्यंजन भी बनाये जाते हैं।
छाछ के फायदे (Benefits of Chaas in Hindi)
• यह एसिडिटी और पेट की जलन को दूर करता है
• छाछ पीने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है
• अपच, भूख ना लगना व कब्ज़ की समस्या में छाछ काफी फ़ायदा पहुंचता है
• पेशाब में दर्द हो तो छाछ पीने से आराम मिलता है
• इससे डायरिया का खतरा टलता है
• यह अल्सर जैसी बीमारी में लाभप्रद है
• यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है
• वज़न कम करने में भी छाछ काफी फ़ायदेमंद होता है
• छोटे बच्चों को रोज़ाना छाछ पिलाने से दांत निकलने में तकलीफ नहीं होती
• छाछ में कैल्शियम बहुत मात्रा में होता है इसलिए यह ऑस्टियोपोरोसिस में मदद करता है
• छाछ कोलेस्ट्रॉल को घटाने में एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करता है। इसका नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है
• छाछ में बायो एक्टिव प्रोटीन होता है, जो ब्लड प्रेशर को घटाने का काम करता है। प्रतिदिन छाछ या मट्ठे का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी दिक्कत नहीं होती हैं
छाछ से नुकसान (Side Effects of Chaas in Hindi)
• सांस की तकलीफ में छाछ नहीं पीना चाहिए
• सर्दी-खांसी में छाछ पीने से सर्दी बिगड़ सकती है
• बुखार व कमजोरी में छाछ पीना नुकसानदायक है
• अगर आपको एक्ज़िमा है तो छाछ का सेवन न करें
• यह जोड़ों में अकड़न की समस्या पैदा कर सकती है
• गुर्दे की तकलीफ में छाछ का सेवन हानिकारक माना जाता है
• यह मांसपेशियों व नसों में ब्लड सर्क्युलेशन मे रुकावट डालती है
• गठिया, जोड़ों के दर्द व मांसपेशियों का दर्द हो तो छाछ का सेवन ना करें
• दिन में छाछ पीना फ़ायदेमंद होता है, लेकिन शाम को छाछ पीना नुकसानदायक होता है
कैसे पीनी चाहिए छाछ (How to drink Chaas)
• छाछ में भुना हुआ जीरा मिलाकर पीना लाभदायक है
• मीठे छाछ में शक्कर मिलाकर पीने से पित्त दूर होता है
• छाछ में शहद मिलाकर दिन में तीन बार पीने से दस्त बंद हो जाते हैं
• छाछ में सोंठ व सेंधा नमक मिलाकर पीने से गैस से होने वाले रोगों से आराम मिलता है
• गाय के दूध से बनी छाछ में नमक मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं
• छाछ में नमक और एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है
• छाछ में सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली और यवक्षार का मिश्रण मिलाकर सेवन करने से कफ से होने वाले रोगों में लाभ मिलता है
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।