शतावरी को एस्पैरागस रेसमोसस भी कहा जाता है। यह एक भारतीय जड़ी-बूटी है, जो आमतौर पर हिमालय पर पाई जाती है। इसकी ऊंचाई 1-2 मीटर होती है। आयुर्वेद में इसे रसायन या होल बॉडी टॉनिक कहा जाता है। महिलाओं के लिए शतावरी कई किसी वरदान से कम नहीं है क्यूंकि ये उनकी कई तरह की बिमारियों में काम आता है। महिलाओं को इसके कई फायदे मिलते हैं, जैसे की दूध उत्पादन में वृद्धि करना, मेनोपॉज के लक्षणों को कम करना इत्यादि।
महिलाओं के लिए उनका संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य बहुत जरूरी होता है। ना केवल बच्चे को जन्म देने के लिए, बल्कि मासिक धर्म चक्र और शारीरिक हार्मोन्स का संतुलन बनाये में रखने के लिए और रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बनाये रखने के लिए भी शतावरी बहुत काम आती है। लेकिन जिन महिलाओं को लो लिबिडो के अलावा इर्रेगुलर पीरियड्स की प्रॉब्लम रहती है या फिर जो महिलाएं वजन बढऩे से परेशान रहती हैं, उनके लिए शतावरी एक वरदान है। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद है।
शतावरी महिलाओं के प्रजनन हार्मोन के लिए एक बेहतरीन जड़ी-बूटी है। यह उनकी यौन समस्याओं को भी ठीक करने के लिए जानी जाती है। इसके अलावा यह कई क्रॉनिक डिसीज को मैनेज करने में भी मददगार है। शतावरी के ऐसे एक या दो नहीं बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन इसके लाभों के बारे में जानने से पहले आइए समझते हैं कि आखिर शतावरी है क्या।
शतावरी क्या है | What is Shatavari in Hindi
शतावरी (Shatavari) हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटी है। भारत में शतावरी वसंत ऋतु की सब्जी के तौर पर भी जानी जाती है। यह बेहद लो कैलोरी वाला आहार है जिसकी ऊंचाई केवल 1-2 मीटर लंबी होती है और ये पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसके इस्तेमाल से कई शारीरिक फायदे होते हैं। यह तेजी से वजन घटाने (Weight Loss) में भी मददगार है। साथ ही यह स्किन (Skin) में भी निखार लाती है और उम्र को चेहरे पर हावी नहीं होने देती।
सतवारी स्वाद में कड़वी और मीठी होती है। डॉक्टर इसे अक्सर दूध के साथ चूर्ण या फिर पाउडर के रूप में लेने की सलाह देते हैं। इस जड़ी-बूटी में पाया जाने वाला तेल इसे खाने असैर पचाने में आसान बनाता है।
शतावरी से होते हैं ये फायदे | Shatavari Benefits in Hindi
- जो अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं उनके लिए शतावरी रामबाण साबित होती है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं, जो वजन को कम करने में मददगार हैं
- इसके इस्तेमाल से स्किन चमकदार बनती है और यह झुर्रियों को दूर करती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट ग्लूटाथियोन होता है जो मुंहासे से भी बचाव करता है
- शतावरी माइग्रेन से होने वाले दर्द से भी छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाती है
- शतावरी एंटीऑक्सिडेंट तत्व से भरपूर होती हैं, जो दिल की बीमारियों से बचाए रखने में फायदेमंद है
- जिन लोगों को नींद नहीं आती उनके लिए भी यह काफी फायदेमंद होती है। यह तनाव को दूर कर अनिंद्रा से मुक्ति दिलाती है
- शतावरी में भरपूर मात्रा में फोलेट होता है। ऐसे में इसके इस्तेमाल से बच्चे में रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्या नहीं होती और वह मानसिक समस्याओं से भी बचा रहता है
- यह पीरियड्स के दौरान असुविधा पैदा करने वाली एसिडिटी से बचता है। शतावार पेट दर्द को कम करने वाली एलिमेंट्री कैनाल में गैस बनने से रोकती है
- शतावरी को महिलाओं में सेक्स की इच्छा को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह महिलाओं में बांझपन को प्रबंधित करने , गर्भपात को रोकने और ओव्यूलेशन टाइम को सुनिश्चित करने की अच्छी तरकीब है
- शतावारी स्वभाविक रूप से महिलाओं के शरीर में एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। यह न केवल मासिक धर्म में सुधार करती है, बल्कि फर्टिलिटी को भी कम करती है
- शतावरी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए दूध के उत्पादन को बढ़ाने के काम आती है
- शतावरी फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर होती है, यह स्तन वृद्धि के लिए आयुर्वेद के सबसे अच्छे तरीकों मे से एक है
कुछ सावधानियां हैं जरूरी
महिलाएं स्वास्थ्य समस्याओं के लिए शतावरी को चूर्ण, टेबलेट, कैप्सूल, जूस या फिर सिरप के रूप में ले सकती हैं। डॉक्टर शतावरी को दिन में दो बार आधी-आधी चम्मच लेने की सलाह देते हैं। जिन लोगों को शतावरी से एलर्जी है, तो उन्हें इस जड़ी-बूटी का सेवन नहीं करना चाहिए।
शतावरी वैसे तो औषधीय गुणों से भरपूर होती है, मगर इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, यह कुछ लोगों को नुक्सान भी पहुंचा सकती है।इसलिए बहुत एहतियात से इसका सेवन करना चाहिए। इसे स्किन पर सीधे लगा लेने से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
जिन लोगों को प्याज से एलर्जी है, उन्हें इसके इस्तेमाल से एलर्जी हो सकती है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।