श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है? जन्माष्टमी की कहानी और महत्व

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Krishna Janmashtami 2023

Happy Janmashtami 2023 Wishes: श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है (Janmashtami kyu manaya jata hai), जन्माष्टमी की कहानी क्या है और जन्माष्टमी का महत्व क्या है? गोविंदा, कान्हा, बाल गोपाल, गिरधर, मुरली मनोहर, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, कन्हैया जैसे लगभग 108 नामों से पुकारे जाने वाले भगवान श्री कृष्ण, युगों-युगों से हर दिल में बसते हैं। उन्होंने पृथ्वी पर एक आम इंसान की तरह जन्म लेकर लोगों को दुष्टों से बचाया और उनका संहार किया।

इसलिए हजारों वर्षों से हिंदुओं द्वारा जन्माष्टमी के पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इसलिए हम सभी को ये पता होना जरुरी है की श्री कृष्ण जन्माष्टमी को मानाने की वजह क्या है और कृष्णा जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है? 

पुरे भारतवर्ष में जन्माष्टमी की धूम हर कही देखी जा सकती है, कान्हा जी के जन्मदिन के इस मौके पर देशभर में धूमधाम से सजावट की जाती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में विशेष अंदाज में भक्ति संगीत से कान्हा जी को उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में शुभकामनाएं दी जाती हैं.

इसलिए कृष्ण भगवान की भक्ति करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए जन्माष्टमी की यह सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इस लेख में मिलने वाली है. तो दोस्तों आइए आज के इस लेख का शुभारंभ करते हैं और जानते हैं की कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाते है. तो फिर चलिए शुरू करते हैं.

Krishna Janmashtami 2023 Kab Hai : हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन लोग भगवान के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं। पुरे भारत देश में जन्माष्टमी काफी धूम-धाम से मनाई जाती है। इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। खासकर, मथुरा और वृंदावन में काफी हर्षोल्लास के साथ इस श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है।

 

जन्माष्टमी क्या है – What is Janmashtami in Hindi

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं। मथुरा में यह त्योहार और भी विशेष उत्सव के साथ मनाया जाता है, यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। इस साल 30 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि के समय कारागार में हुआ था।

जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्रीकृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व प्रत्येक हिंदू के लिए एक विशेष दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन कृष्ण भगवान को भक्ति भाव से प्रसन्न करने पर संतान, सम्रद्धि एवं अधिक उम्र की प्राप्ति होती है। सभी हिंदुओं द्वारा जन्माष्टमी के पावन पर्व को भगवान श्री कृष्ण के जयंती के रूप में मनाया जाता है।

जन्माष्टमी के इस पर्व पर सभी हिंदुओं द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन पर उन्हें प्रसन्न करने के लिए उपवास रखा जाता है मंदिरों में सजावट की जाती है एव कई स्थानों पर श्री कृष्ण रासलीला का आयोजन किया जाता है।

 

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जन्माष्टमी का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है | श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाया जाता है?

जन्माष्टमी हिंदू परंपरा के अनुसार तब मनाई जाती है जब माना जाता है कि कृष्ण का जन्म मथुरा में भाद्रपद महीने के आठवें दिन की आधी रात को हुआ था। कृष्ण का जन्म अराजकता के क्षेत्र में हुआ था। कृष्ण भगवान के जन्म दिन से हिंदू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार भद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के आंठवे दिन हिंदुओं द्वारा प्रति वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 सितंबर दोपहर 03:37 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 07 सितंबर शाम 04:14 बजे हो जाएगा।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी आरम्भ   : 06 सितंबर दोपहर 03:37 
श्री कृष्ण जन्माष्टमी समाप्त   : 07 सितंबर शाम 04:14

 

कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है | जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं? (Janmashtami kyu manaya jata hai)

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सृष्टि के पालनकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार प्रभु श्री कृष्ण हैं और कृष्णा जी के जन्मदिन के इस शुभ अवसर पर इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में मथुरा नगरी में कृष्ण भगवान ने पृथ्वी पर अपना अवतार लिया। उस समय मथुरा नगरी का राजा अत्याचारी कंस था जो बहुत अत्याचारी था और उससे प्रजा काफी दुखी थी। इसलिये दिन: दुखियों के रक्षक भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे और उन्होंने उस अत्याचारी – दुराचारी कंस का वध किया था। कंस रिश्ते में श्री कृष्ण भगवान के मामा थे।

 

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार कैसे मनाया जाता है | जन्माष्टमी पर्व कैसे मनाया जाता है?

हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं। मथुरा में यह त्योहार और भी विशेष उत्सव के साथ मनाया जाता है, यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। इस साल 6 – 7 सितंबर को ये जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है।

जन्माष्टमी के पर्व पर होने वाली चहल-पहल पूरे भारत में देखी जाती है इसके साथ-साथ विदेशों में रहने वाले भारतीय भी वहां जन्माष्टमी के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। भक्तों द्वारा जन्माष्टमी के इस पर्व पर उपवास रखा जाता है, मंदिरों को सजाया जाता है, लड्डू-गोपाल की मूर्ति को झूला झूलाया जाता है, भजन-कीर्तन किये जाते हैं। अनेक स्थानों पर युवाओं में इस दिन दही- हंडी तोड़ने का जोश देखने को मिलता है। ।

इसके अलावा भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं तथा मंदिरों में श्रद्धा भक्ति भाव से भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन पूरी मथुरा नगरी में भगवान कृष्ण के पर्व की चमचमाहट नजर आती है। मंदिरों को फूल-मालाओं से खूब सजाया जाता है। रात में मंदिरों में लगी लाइटों से कृष्णा नगरी भव्य और सुन्दर दिखती है।

 

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी की कहानी क्या है? (Janmashtami kyu manaya jata hai)

श्री कृष्ण हिंदू धर्म के ईश्वर एवं भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, कन्हैया आदि नामों से लोग इनको जानते हैं। इन्होंने द्वापर युग में श्री कृष्ण का अवतार लिया था। श्री कृष्ण का जन्म बहुत ही कठिन एवं भयानक परिस्थितियों में हुआ था।

भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। वे माता देवकी और पिता वासुदेव की 8वीं संतान थे। श्रीमद भागवत के वर्णन अनुसार द्वापरयुग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज करते थे। उनका एक आततायी पुत्र कंस था और उनकी एक बहन देवकी थी। देवकी का विवाह वसुदेव के साथ हुआ था। कंस ने अपने पिता को कारागार में डाल दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन गया। कंस की मृत्यु उनके भांजे यानि देवकी की 8वी संतान के हाथों होनी थी।

कंस ने अपनी बहन और बहनोई को भी मथुरा के कारागार में कैद कर दिया और एक के बाद एक देवकी की सभी सात संतानों को मार दिया। कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ तब कारागृह के द्वार स्वतः ही खुल गए और सभी सिपाही निंद्रा में थे। वासुदेव के हाथो में लगी बेड़िया भी खुल गईं। गोकुल के निवासी नन्द की पत्नी यशोदा को भी संतान प्राप्ति होने वाली थी। यसोदा की कोख से एक कन्या का जन्म हुआ जो सिर्फ एक माया थी।

जिस समय श्री कृष्ण का जन्म हुआ उस समय कारागार में एक भगवान प्रकट हुए उन्होंने वासुदेव को कहा की तुम अपने पुत्र को ले कर अपने मित्र नन्द के यहां जाओ और इसे वहां रख कर वहां जो कन्या जन्मी है उसे लाकर कंस के हवाले कर दो। बासुदेव ने ऐसा ही किया और अपने पुत्र को सूप में रखकर कारागृह से निकल पड़े और अथाह यमुना नहीं को पार करके नन्द जी के घर पहुंचे और श्री कृष्ण को वहां रख कर उस कन्या को अपने साथ ले आये और कंस के हवाले कर दिया।

जब कंस को पता चला की देवकी को संतान प्राप्ति हुई है तो वो उनके पास गया और उस कन्या को उठा कर पटक देना चाहता था पर जैसे ही उसने उस कन्या को पटकना चाहा वो कन्या आकाश में उड़ गयी और उससे एक आवाज आई “अरे मुर्ख मुझे मारने से क्या होगा, तुझे मारने वाले का जन्म तो हो चूका है, अब तेरा अंत निश्चित है”, इतना कहकर वो कन्या अदृस्य हो गयी।

इस तरह देवकी के पुत्र कृष्ण भगवान का यशोदा ने पालन-पोषण किया। इसलिए कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की दो माताएं थी देवकी एवं यशोदा। बचपन से ही कृष्ण भगवान ने कंस द्वारा भेजे गए दुष्टों का संहार किया तथा कंस द्वारा प्रजा को कष्ट देने के सभी प्रयासों को विफल करते गए और अंत में एक दिन कंस का वध करके उसके अत्याचारों से प्रजा को मुक्ति दिलाई।

 

जन्माष्टमी का महत्व क्या है | कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व (Janmashtami kyu manaya jata hai)

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार माना जाता है। यही कारण है कि यह पर्व विशेष महत्व रखता है। जिस तरह भारत में हिंदुओं के प्रमुख त्योहार होली दीपावली को मनाया जाता है, ठीक उसी तरह कृष्ण की जन्माष्टमी के अवसर पर धूमधाम से इस पर्व को भारतवर्ष में हिंदु समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है।

भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए इस दिन लोग उपवास रखने के साथ विधि-विधान से पूजा और भजन करते हैं। मंदिरों में विशेष सजावट करके भगवान की प्रक्टोत्सव को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। कुछ स्थानों में दही-हांडी का भी उत्सव रखा जाता है। मध्यरात्रि के समय भगवान के जन्मोत्सव के समय सभी लोग मंदिरों में एकत्रित होकर विशेष पूजा करते हैं।

देश के प्रत्येक राज्य में अलग-अलग तौर तरीकों से जन्माष्टमी की पूजा कर भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न किया जाता है। लेकिन एक खास बात जो इस पर्व में आस्था के रूप में देखी जाती है की इस दिन आराध्य के जन्म में सभी माताएं बहने बच्चे बूढ़े व्रत/उपवास से खते हैं, तथा शाम को पूजा के बाद व्रत को तोड़ते हैं। भगवान कृष्ण का युगों युगों से आस्था के केन्द्र के रूप में हिंदुओं द्वारा पूजन जाते हैं। अतः भक्ति एवं सौहार्द के साथ इस महापर्व को साथ में मिलकर मनाया जाता है।

 

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Happy Krishna Janmashtami 2023 Wishes Quotes, Images, Status, Messages in Hindi:

Janmashtami 2023 Wishes, Messages: देशभर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखते हैं। भगवान के जन्म के बाद जश्न मनाते हैं और अपना व्रत तोड़ते हैं। आज जन्माष्टमी के मौके पर अपने करीबियों, रिश्तेदारों को दें शुभकामनाएं।

Shri Krishna Janmashtami 2023: देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को गोकुल अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास मौके पर आप अपने दोस्तों और करीबियों को Facebook, WhatsApp या अन्य सोशल मीडिया पर इन Messages के जरिए कृष्ण जन्माष्टमी की Wishes दे सकते हैं।

 

Happy Janmashtami 2023 Wishes:  

 

राधा की भक्‍ति, मुरली की मिठास,
माखन का स्‍वाद और गोपियों का रास,
सब मिलके बनता है जन्‍माष्‍टमी का दिन खास,
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

मिश्री से मीठे नन्द लाल के बोल,
इनकी बातें हैं सबसे अनमोल,
जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर,
दिल खोल के जय श्री कृष्ण बोल।
जन्माष्टमी 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

माखन चोर नन्द किशोर
बांधी जिसने प्रीत की डोर
हरे कृष्ण हरे मुरारी
पूजती जिन्हें दुनिया सारी
आओ उनके गुण गाएं सब मिल के जन्माष्टमी मनाएं

 

पलकें झुकें और नमन हो जाए
मस्तक झुके और वंदन हो जाए
ऐसी नजर, कंहां से लाऊं मेरे कन्हैया
आपको याद करूं और आपके दर्शन हो जाए।।

चंदन की खुशबू और रेशम का हार,
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार।

प्रेम से श्री कृष्ण का नाम जपो
दिल की हर इच्छा पूरी होगी
कृष्ण आराधना में लीन हो जाओ
उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी।

बाल रूप है सब को भाता माखन चोर वो कहलाया है,
आला आला गोविंदा आला बाल ग्वालों ने शोर मचाया है,
झूम उठे हैं सब ख़ुशी में, देखो मुरली वाला आया है

 

Happy Janmashtami 2023 Wishes Images, Quotes, Messages :

 

राधा की भक्ति, मुरली की मिठास,
माखन का स्वाद और गोपियों का रास ,
सब मिलके बनाते हैं जन्माष्टमी का दिन खास।
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

बांके बिहारी का नाम लो सहारा मिलेगा,
ये जीवन न तुमको दोबारा मिलेगा,
डूब रही अगर कश्ती मझधार में
कृष्णा के नाम से सहारा मिलेगा।
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।।

गोकुल में जो करे निवास
गोपियों संग जो रचाए रास
देवकी यशोदा जिनकी मइया
ऐसे हमारे कृष्ण कन्हैया।।
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

(Janmashtami kyu manaya jata hai)

कृष्ण जिनका नाम,
गोकुल जिनका धाम,
ऐसे श्री कृष्ण भगवान को
हम सबका प्रणाम,
Happy Krishna Janmashtami

माखन का कटोरा, मिश्री की थाल
मिट्टी की खुशबू, बारिश की फुहाल
राधा की उम्मीदें, कृष्ण का प्यार
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्योहार!


गोकुल में है जिनका वास,
गोपियों संग जो करें रास,
देवकी यशोदा जिनकी मइया
ऐसे हमारे कृष्ण कान्‍हैया
जन्‍माष्‍टमी की शुभकामनाएं!

 

माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ कृष्ण जन्मदिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का पथ दिखाया!
Happy Janmashtami 2023

 

माखन चोर नंद किशोर
बांधी जिसने प्रीत की डोर
हरे कृष्ण हरे मुरारी
पूजती जिन्हें दुनिया सारी
आओ उनके गुण गाएं
सब मिलकर जन्माष्टमी मनाएं
Happy Krishna Janmashtami 2023

(Janmashtami kyu manaya jata hai)

 

Happy Krishna Janmashtami Wishes

 

Happy Krishna Janmashtami Wishes

Happy Krishna Janmashtami Wishes

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आशा है आज का लेख आपको पसंद आया होगा और श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है (Janmashtami kyu manaya jata hai), जन्माष्टमी की कहानी क्या है और जन्माष्टमी का महत्व क्या है? से सम्बंधित ज्यादातर चीजों की जानकरी आपको यहां प्राप्त हुई होगी। आज का लेख आपको कैसा लगा, कमेंट करके जरूर बताएं और ऐसे ही कई तरह के लेखो के लिए हमसे Contact Us या Social Media के साथ जुड़े रहे।

 

 

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सृष्टि के पालनकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार प्रभु श्री कृष्ण हैं और कृष्णा जी के जन्मदिन के इस शुभ अवसर पर इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में मथुरा नगरी में कृष्ण भगवान ने पृथ्वी पर अपना अवतार लिया। उस समय मथुरा नगरी का राजा अत्याचारी कंस था जो बहुत अत्याचारी था और उससे प्रजा काफी दुखी थी। इसलिये दिन: दुखियों के रक्षक भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे और उन्होंने उस अत्याचारी – दुराचारी कंस का वध किया था। कंस रिश्ते में श्री कृष्ण भगवान के मामा थे।

हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं। मथुरा में यह त्योहार और भी विशेष उत्सव के साथ मनाया जाता है, यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है।

भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी थी को हुआ था। इस दिन को हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है

श्रीकृष्ण चंद्रवंशी हैं और चंद्रदेव उनके पूर्वज। चंद्रदेव के पुत्र बुध हैं, इसलिए भगवान ने जन्म के लिए बुधवार का दिन चुना।

भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्री कृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। मथुरा नगरी का राजा कंस था, जो कि बहुत अत्याचारी था।

लस लेख में दिए गए भगवान कृष्ण की कहानी को आप जन्माष्टमी पर निबंध के रूप में लिख सकते हैं।

जन्‍माष्‍टमी के व्रत में खूब फल खा सकते हैं। रसीले फलों के सेवन से आपके शरीर में पानी कमी नहीं होने पाती, जिस वजह से आपको डिहाइड्रेशन नहीं होता। जन्‍माष्‍टमी के व्रत में आप तरबूज ककड़ी और खरबूज जैसे अधिक पानी वाले फलों का सेवन करें तो आपको विशेष लाभ होगा। इसके अलावा आप केला, सेब और अमरूद भी खा सकते हैं।

भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के 12 बजे हुआ था। इसी दिन को जन्माष्टमी के नाम से विश्वभर में मनाया जाता है।

मथुरा भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है।

भगवान श्री कृष्ण को गोविंदा, कान्हा, बाल गोपाल, गिरधर, मुरली मनोहर, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, कन्हैया जैसे लगभग 108 नामों से जाना जाता है। 

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